Economic Survey 2021: विद्यार्थियों की हाजिरी के मामले में पंजाब Top पर

Edited By Vatika,Updated: 05 Feb, 2021 10:46 AM

punjab on top in case of attendance of students

हाल ही में हुए आर्थिक सर्वेक्षण 2021 में विद्यार्थियों की हाजिरी के मामले में पंजाब देशभर में अग्रणी रहा है।

चंडीगढ़ (रमनजीत): हाल ही में हुए आर्थिक सर्वेक्षण 2021 में विद्यार्थियों की हाजिरी के मामले में पंजाब देशभर में अग्रणी रहा है। सर्वेक्षण में आए नतीजों के अनुसार प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में 3 साल से 5 साल वर्ग में पंजाब में 61.6 फीसदी विद्यार्थियों की हाजिरी रिकार्ड की गई, जो कि पूरे देश में सबसे अधिक थी।

इस मौके पर स्कूल शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने बताया कि मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा लाए गए नीतिगत बदलाव के चलते राज्य में शिक्षा का नया दौर शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि प्राइमरी शिक्षा की नींव मजबूत करने के लिए पंजाब ने ही देशभर में से सबसे पहले पूर्ण तौर पर प्री-प्राइमरी कक्षाएं सरकारी स्कूलों में 14 नवम्बर, 2017 को शुरू की थीं। उन्होंने कहा कि कक्षाएं शुरू करने से लेकर आज तक स्कूल शिक्षा विभाग में अध्यापकों और अन्य संबंधित वर्गों के सहयोग के कारण हो रहे सार्थक बदलाव की यह एक बड़ी मिसाल है। सिंगला ने कहा कि प्री-प्राइमरी कक्षाओं का दाखिला और पढ़ाई बिल्कुल मुफ्त है जिससे वित्तीय तौर पर कमजोर माता-पिता के बच्चों को बहुत फायदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्री-प्राइमरी कक्षाओं के दाखिलों में साल दर साल लगातार विस्तार दर्ज किया जा रहा है क्योंकि अकादमिक साल 2018-19 में 2 लाख 13 हजार बच्चों ने दाखिला लिया था जो 2019-20 में बढ़ कर 2 लाख 25 हजार हो गया। उन्होंने कहा कि चालू अकादमिक साल में सरकारी स्कूलों में 3 लाख 30 हजार बच्चे प्री-प्राइमरी कक्षाओं में दाखिला ले चुके हैं जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है।

दाखिला बढऩे से अध्यापकों की मांग बढ़ी
कैबिनेट मंत्री  ने कहा कि दाखिला बढऩे से पंजाब के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की मांग बढ़ी है जिसको देखते हुए शिक्षा विभाग की तरफ से शुरू की गई प्री-प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ाने के लिए 8393 प्री-प्राइमरी अध्यापकों की स्थायी पदों को भरने की पंजाब सरकार ने मंजूरी दे दी है जिसकी भर्ती प्रक्रिया जारी है।  सिंगला ने बताया कि लगभग 13000 सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कमरों को माडल क्लासरूम के तौर पर स्थापित किया गया है। उन्होंने बताया कि सीखने-सिखाने प्रक्रिया को खेल विधि के द्वारा अंजाम देने के लिए आकर्षक सामग्री बहुत ही रचनात्मक भूमिका निभा रही है। सिंगला ने कहा कि इसके अलावा बच्चों के लिए समय-समय पर बाल मेले लगाए जाते हैं जिनमें छोटे बच्चों द्वारा अपने माता-पिता/सरपरस्त के सामने अध्यापकों द्वारा सिखाई गई क्रियाओं का प्रदर्शन किया जाता है। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!