Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 May, 2018 10:11 AM
खेतों में आग लगाने से प्रदूषित हो रहे पर्यावरण के बावजूद भी बहु संख्या में किसानों द्वारा सरकार व खेती विशेषज्ञों की अपीलों-दलीलों को नजर अंदाज कर लगभग 12 हजार खेतों में आग लगाई गई
गुरदासपुर (हरमनप्रीत सिंह): खेतों में आग लगाने से प्रदूषित हो रहे पर्यावरण के बावजूद भी बहु संख्या में किसानों द्वारा सरकार व खेती विशेषज्ञों की अपीलों-दलीलों को नजर अंदाज कर लगभग 12 हजार खेतों में आग लगाई गई, वहीं पंजाब में पिछले वर्ष के मुकाबले आग लगाने के मामलों में करीब 21 प्रतिशत गिरावट आने से कृषि विभाग राहत महसूस कर रहा है। पड़ोसी राज्य हरियाणा में इस वर्ष भी आग लगाने की घटनाओं में 12 प्रतिशत बढ़ौतरी हुई है।
9 मई को 1500 खेत किए आग के हवाले
पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से प्राप्त विवरण के अनुसार पंजाब में 13 मई तक करीब 11,892 स्थानों पर आग लगाए जाने के मामले सामने आए हैं, जब कि पिछले वर्ष 13 मई तक करीब 9,301 किसानों ने खेतों में आग लगाई थी। इस बार दिलचस्प बात यह सामने आई है कि अप्रैल माह में कृषि विभाग के नेतृत्व मेें बनी टीमों की सख्ती तथा खेतों में गेहूं व नाड़ होने कारण बहुत कम किसानों ने आग लगाई थी, जब कि 1 मई के बाद बहुत से स्थानों पर किसानों ने सामूहिक रूप में आग लगा कर नाड़ जलाई है। 9 मई ऐसा दिन था, जिस दिन पंजाब में करीब 1500 स्थानों पर आग लगाई गई।
खेतों में आग लगाने में अमृतसर सबसे आगे
13 मई तक एकत्रित हुए विवरणों के अनुसार खेतों में आग लगाने के मामले में अमृतसर सब से आगे है, जहां आग लगाने के 915 मामले , दूसरे नंबर पर संगरूर जिले में 891 स्थान, तीसरे स्थान पर फिरोजपुर जिला है, जिस में 737 स्थानों, चौथे पर बठिंडा जिसमें में 734 स्थानों पर आग लगाई गई।
इस के बाद तरनतारन में 709, गुरदासपुर में 698, मोगा में 691, लुधियाना में 504, मुक्तसर में 464, पटियाला में 436, बरनाला में 405, मानसा में 374, कपूरथला में 344, फरीदकोट में 339, होशियारपुर में 284, फाजिल्का में 249, जालंधर में 234, शहीद भगत सिंह नगर में 87, फतेहगढ़ साहिब में 81, पठानकोट में 80, एस.ए.एस. नगर मोहाली में 26, रूपनगर में 19 मामले सामने आए।
सरकार अपेक्षित मदद नहीं कर सकी : राजेवाल
भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सामने सरकार ने कहा था कि अढ़ाई एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले किसानों को अवशेष संभालने तथा खत्म करने के लिए अपेक्षित मशीनरी मुफ्त दी जाएगी परन्तु सरकार यह वायदा भी पूरा नहीं कर सकी।
पैडी के सीजन मेेंं 395 करोड़ रुपए की योजना लागू होने की संभावना : बैंस
कृषि और किसान भलाई विभाग के डायरैक्टर जसबीर सिंह बैंस ने कहा कि कृषि विभाग ने बड़ी कोशिश करके किसानों को जागरूक किया है। धान के सीजन से पहले-पहले केंद्र सरकार से 395 करोड़ रुपए मिलने की संभावना है, जिस में से 250 करोड़ रुपए पंजाब की सहकारी सोसायटियों को देकर छोटे किसानों को अपेक्षित मशीनरी मुहैया करवाई जाएगी।