पंजाब विधान सभा मतदानः फीकी पड़ी कैप्टन अमरिन्दर सिंह की चमक

Edited By Urmila,Updated: 30 Jan, 2022 11:31 AM

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चुनाव मौसम में जब आरोप-प्रत्यारोप का दौर चोटी पर होता है, कई ऐसे भी होते हैं, जोकि ‘सेल्फ गोल’ कर लेते हैं। हाल ही में कई बार मीडिया के साथ बातचीत दौरान पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की...

चंडीगढ़: चुनाव मौसम में जब आरोप-प्रत्यारोप का दौर चोटी पर होता है, कई ऐसे भी होते हैं, जोकि ‘सेल्फ गोल’ कर लेते हैं। हाल ही में कई बार मीडिया के साथ बातचीत दौरान पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की चमक फीकी पड़ गई। चाहे कैप्टन ने सभी असहज करने वाले सवालों का जवाब पूरी सहजता और चालाकी के साथ दिया, फिर भी उनको सन्तोषजनक नहीं पाया गया। रेत घपलो में कथित संलिप्ता के लिए जब वह अपने उत्तराधिकारी चरणजीत सिंह चन्नी को फटकार लगा रहे थे तो एक रिपोर्टर ने उनसे पूछा कि जब वह खुद मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने इस भ्रष्टाचार खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की तो कैप्टन ने अपनी गलती स्वीकार की।

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उन्होंने चन्नी खिलाफ कार्यवाही न करने का दोष खुद पर लिया परन्तु वह इसका कारण समझाने में असफल रहे। इसकी बजाय उन्होंने यह खुलासा किया कि उन्होंने इस मामले को कांग्रेस प्रधान सोनिया गांधी के ध्यान में लाया था परन्तु उन्होंने यह नहीं बताया कि सोनिया गांधी की प्रतिक्रिया क्या थी। वह इतने पर ही रुक गए। फिर चन्नी की कथित संलिप्तान वाले ‘मी टू’ मामले में कैप्टन अमरिन्दर ने खुलासा किया कि एक नौकरशाह जोड़ा रात को उनके पास आया और शिकायत की। इस संबंधित जब उन्होंने चन्नी को तलब किया तो उन्होंने माफी मांगी। कैप्टन ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने या जांच करवाने की बजाय उनको माफ कर दिया। यहां भी कैप्टन ने खुलासा किया कि उन्होंने इस मामले को भी सोनिया गांधी के नोटिस में लाया था। यह एक गंभीर मुद्दा था परन्तु इसने कैप्टन को एक सच्चे नेता के रूप में नहीं दिखाया जो एक के बाद एक मामले को दबाते गए।

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फिर आया सिद्धू का मामला और उन्होंने खुलासा किया कि उनको मंत्री बनाने की सिफारिश पाकिस्तान से उनके पास आई थी। उन्होंने स्पष्ट रूप में एक पल के लिए खलबली मचा दी परन्तु यह खुलासा करने में असफल रहे कि उनको पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का संदेश किसने दिया। कांग्रेस ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और सिद्धू ने इस दावे का मजाक उड़ाया। कई लोग हैरानी प्रकटाते हैं कि जब खुद कैप्टन के एक पाकिस्तानी पत्रकार के साथ मजबूत संबंध थे तो वह नैतिक तौर पर ऐसा दावा कैसे कर सकते हैं। इसके साथ भाजपा के नेता भी खुश नहीं हैं। उनको लगता है कि कैप्टन को राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों और पंजाब के खतरों की तरफ ध्यान देना चाहिए था। आने वाले दिनों में जब चुनाव प्रचार शुरू होगा तो आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला और तेज होगा। 

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