Edited By Mohit,Updated: 30 Nov, 2018 01:21 PM
जिस पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल की रिपोर्ट पर नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पंजाब सरकार को 50 करोड़ रुपए जुर्माना ठोंका, उसी सरकार ने संत सीचेवाल की पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से छुट्टी कर दी है। पंजाब सरकार ने बोर्ड कापुनर्गठन करते हुए संत...
चंडीगढ़(अश्वनी): जिस पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल की रिपोर्ट पर नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पंजाब सरकार को 50 करोड़ रुपए जुर्माना ठोंका, उसी सरकार ने संत सीचेवाल की पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से छुट्टी कर दी है। पंजाब सरकार ने बोर्ड कापुनर्गठन करते हुए संत बलबीर सिंह सीचेवाल को बोर्ड की सदस्यता से मुक्त कर दिया है। संत सीचेवाल 10 फरवरी 2014 से बोर्ड के सदस्य थे।
संत सीचेवाल ने हाल ही में सतलुज-ब्यास नदी में प्रदूषण के मामले पर एक विस्तृत रिपोर्ट नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को सौंपी थी, जिसके बाद ट्रिब्यूनल ने पंजाब सरकार पर 50 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। रिपोर्ट में बताया गया था कि पंजाब में गंदे पानी को शुद्ध करने के लिए जो सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट लगाए गए हैं, वे केवल खानापूर्ति कर रहे हैं।
अधिकतर सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट कंडम हैं और जो चल भी रहे हैं, उनसे निकलने वाला पानी बिना शुद्धिकरण के ही नदियों में धकेला जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट से निकलने वाली गाद की डिस्पोजल में भी बड़ी लापरवाही दिखाई जा रही है। इस लापरवाही का ही नतीजा है कि सतलुज-ब्यास नदी का पानी तो प्रदूषित हो ही रहा है, नदी के आस-पास क्षेत्रों में भू-जल की गुणवत्ता भी खराब हुई है। वहीं, नदी के जरिए राजस्थान को पेयजल की सप्लाई होने के कारण राजस्थान के बाशिंदों में भी गंभीर बीमारियां पनपने का खतरा बरकरार है। वहीं नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने संत सीचेवाल को मॉनीटरिंग कमेटी का सदस्य बनाया है।