Edited By Vatika,Updated: 26 Dec, 2024 12:46 PM
समय रहते इस पर नीति बनाने की आवश्यकता है।
लुधियाना: किसी भी देश में जनसंख्या को स्थिर रखने के लिए फर्टिलिटी रेट का 2.1 होना आवश्यक है। अगर फर्टिलिटी रेट इससे कम होता है तो जनसंख्या में कमी आएगी और ज्यादा होता है तो जनसंख्या में वृद्धि होगी। भारत का फर्टिलिटी रेट 2 है जो सामान्य के करीब है लेकिन उत्तरी राज्यों का फर्टिलिटी रेट तेजी से घट रहा है जो पंजाब के कारोबार के लिए चिंता का विषय है। ऑल इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड फोरम के अध्यक्ष बदीश जिंदल ने बताया के पंजाब, हिमाचल और जम्मू एंड कश्मीर का फर्टिलिटी रेट तेजी से नीचे आ रहा है। वर्ष 2008 में पंजाब का फर्टिलिटी रेट 2 था जो अब गिरकर 1.63 हो गया है।
हिमाचल प्रदेश में यह गिरकर 1.70 और जम्मू-कश्मीर में यह गिरकर 1.40 रह गया है। इससे स्पष्ट है कि आने वाले समय में इन राज्यों में जनसंख्या तेजी से घट जाएगी। जनसंख्या में गिरावट का असर मांग पर भी पड़ना तय है और इससे लोकल श्रमिकों की समस्या भी आना संभावित है। पंजाब के ज्यादातर लोग तेजी से विदेशों का रुख भी कर रहे हैं। जिससे इस समस्या में और भी इजाफा होगा। अगर खरीद की बात करे तो गावों के मुकाबले शहरों के लोगों की खरीद कैपेसिटी ज्यादा होती है और शहरों में फर्टिलिटी रेट और भी तेजी से गिर रहा है।
पंजाब के शहरों में यह औसत 1.42 है, हिमाचल में 1.38 है और जम्मू-कश्मीर में यह मात्र 1.20 ही रह गया है। जिससे अगले कुछ वर्षों में वहां आबादी तेजी से घट सकती है। इस समस्या के हल के लिए पंजाब के करोबारियों को अपना माल बेचने और श्रमिकों के लिए दूसरे राज्यों और निर्यात पर ज्यादा निर्भर रहना पड़ सकता है। सरकार को इस विषय को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है क्योंकि मांग का घटना राज्यों के कारोबार को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है और समय रहते इस पर नीति बनाने की आवश्यकता है।