Edited By Subhash Kapoor,Updated: 27 Feb, 2025 06:55 PM
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बेशक पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड वार्षिक परीक्षाओं को बिना किसी त्रुटि के करवाने के दावे करता है लेकिन बोर्ड की किसी न किसी गलती या लापरवाही से उनके सारे दावे ठुस्स होकर रह जाते हैं।
लुधियाना (विक्की) : बेशक पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड वार्षिक परीक्षाओं को बिना किसी त्रुटि के करवाने के दावे करता है लेकिन बोर्ड की किसी न किसी गलती या लापरवाही से उनके सारे दावे ठुस्स होकर रह जाते हैं। ऐसा ही एक मामला वीरवार को आयोजित 8वीं की हिंदी की परीक्षा के दौरान सामने आया, जब प्रश्नपत्रों की संख्या में भारी गड़बड़ी पाई गई। मामला बीडीएम हाई स्कूल, गुरमेल पार्क, टिब्बा रोड में बनाए गए परीक्षा केंद्र का है जहां 324 छात्र परीक्षा दे रहे थे।
नकल विरोधी अध्यापक फ्रंट के प्रधान सुखदर्शन सिंह ने पूरे मामले की जानकारी शिक्षा मंत्री व पीएसईबी के अधिकारियों को भी भेजकर लापरवाही करने वाले कर्मी के खिलाफ कारवाई करने को लिखा है। उन्होंने बताया कि परीक्षा सुपरिटैंडट द्वारा जब परीक्षार्थियों को बांटने के लिए प्रश्नपत्रों के बंडल खोले गए तो पाया गया कि बंडल पर 327 प्रश्नपत्र अंकित थे, जबकि उसमें से केवल 227 प्रश्नपत्र उनको ही प्राप्त हुए। यानि 100 प्रश्नपत्र कम थे। परीक्षा स्टाफ की मौजूदगी में इस गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद सुपरिटैंडेंट ने इस संबंध में पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड को व्हाट्सएप पर लिखित शिकायत भेजी, लेकिन दोपहर 12 बजे तक कोई समाधान नहीं मिला।
एक घंटे से अधिक देरी से मिला प्रश्नपत्र
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए परीक्षा केंद्र कंट्रोलर और सुपरिटैंडेंट ने बोर्ड के निर्देशों के अनुसार प्रश्नपत्रों की फोटोकॉपी करवाई। इस प्रक्रिया के बाद 1 बजकर 8 मिनट पर 66 छात्रों को प्रश्नपत्र बांटे गए और छात्रों ने 3.35 बजे परीक्षा खत्म की।बाद में 1.14 बजे फ्लाइंग स्क्वाड में प्रिंसीपल काहलों परीक्षा केंद्र पर अतिरिक्त प्रश्नपत्र लेकर पहुंची लेकिन तब तक परीक्षा स्टाफ ने बोर्ड के निर्देशानुसार ही छात्रों को फोटोकॉपी किए गए प्रश्नपत्र वितरित कर दिए थे। इस लापरवाही के कारण परीक्षा स्टाफ और विद्यार्थियों को भारी मानसिक तनाव और अव्यवस्था का सामना करना पड़ा।
जिम्मेवारी लेने को तैयार नहीं बोर्ड अधिकारी
केंद्र सुपरिटैंडेंट ने बताया कि काफी भागदौड़ के बाद इस समस्या का समाधान किया गया, लेकिन शिक्षा बोर्ड के एक सुपरिटैंडैंट ने उन्हें मीडिया से इस मामले पर बात न करने की सख्त हिदायत दी और धमकी भरे लहजे में 'धन्यवाद' कहकर चुप करा दिया। नकल विरोधी फ्रंट के अध्यक्ष सुखदर्शन सिंह ने इस घटना पर नाराजगी जताते हुए पंजाब के शिक्षा मंत्री और पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष से मांग की कि ऐसे लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, जिन्होंने प्रश्नपत्रों की गिनती में गलती की। उन्होंने कहा कि यदि किसी स्कूल प्रमुख से कोई क्लेरिकल मिस्टेक हो जाती है, तो बोर्ड उन पर भारी जुर्माना लगाता है। ऐसे में बोर्ड को खुद अपने अंदर भी जवाबदेही तय करनी चाहिए।