पावरकॉम के संगठनों ने बठिंडा-जीरकपुर नेशनल हाईवे पर किया ट्रैफिक जाम, पावरकॉम मैनेजमेंट के खिलाफ की नारेबाजी

Edited By Radhika Salwan,Updated: 11 Jul, 2024 04:17 PM

powercom organizations blocked traffic on national highway

निकटवर्ती गांव बलियाल में कल बिजली सप्लाई ठीक करते समय लाइन में जनरेटर का बैक करंट आने के कारण पावरकॉम के एक सहायक लाइन मैन को करंट लगने से मौत हो जाने के रोष स्वरूप आज पावरकॉम के सभी संघर्षशील संगठनों द्वारा नारेबाजी की गई।

भवानीगढ़, (कांसल):- निकटवर्ती गांव बलियाल में कल बिजली सप्लाई ठीक करते समय लाइन में जनरेटर का बैक करंट आने के कारण पावरकॉम के एक सहायक लाइन मैन को करंट लगने से मौत हो जाने के रोष स्वरूप आज पावरकॉम के सभी संघर्षशील संगठनों द्वारा मृतक सहायक लाइनमैन कमलजीत सिंह को शहीद का दर्जा देने और उसके परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग को लेकर पावरकॉम के स्थानीय कार्यालय के सामने राज्य स्तरीय धरना शुरू कर पंजाब सरकार और पावरकॉम प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की, लेकिन जब प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों की बात नहीं सुनी तो पावरकॉम के सभी संगठनों ने किसान संगठन बीकेयू एकता उगराहा और अन्य संगठनों की मदद से भीषण गर्मी के बावजूद मृतक के शव को शहर से गुजरने वाले बठिंडा जीरकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बलियाल रोड कट नजदीक हाईवे के बीचों-बीच रखकर यातायात अवरुद्ध कर अपना धरना शुरू कर दिया और इस मौके पर पंजाब सरकार व पावरकॉम मैनेजमेंट के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई।

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इस मौके पर अपने संबोधन के दौरान टेक्निकल सर्विस यूनियन के नेता लखविंदर सिंह ने कहा कि पावरकॉम प्रबंधन की ओर से ध्यान न देने के कारण फील्ड में काम करने वाले पावरकॉम के कर्मचारी विभाग की खराब व्यवस्था की भेंट चढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पावरकॉम कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों ने प्रबंधन को ह्यूमन करंटलेस किट उपलब्ध कराने के लिए लिखित पत्र दिया है, लेकिन अभी तक ये किट उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। जिसके चलते कर्मचारियों को हमेशा मौत के मुंह में रहकर अपनी ड्यूटी निभानी पड़ती है और अब तक पावरकॉम में काम करने वाले कई युवाओं की ड्यूटी के दौरान करंट लगने की घटनाओं में मौत हो चुकी है।

इसी प्रकार, गांव बलियाल में बिजली सप्लाई में खराबी आने पर करंटलेस किट न होने के कारण सहायक लाइनमैन कमलजीत सिंह की लाइन में जेनरेटर के बैक करंट से मौत हो गई। जिसके लिए सीधे तौर पर पावरकॉम प्रबंधन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि जब सेना का कोई जवान सीमा पर ड्यूटी के दौरान मर जाता है तो उसे शहीद का दर्जा और उसके परिवार को अधिकतम आर्थिक सहायता दी जाती है‌‌। इसी प्रकार यदि किसी बिजली कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो जाती है तो बिजली कर्मचारी को भी शहीद का दर्जा दिया जाए और परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए।

उन्होंने कहा कि जब तक मृतक सहायक लाइनमैन कमलजीत सिंह को शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता और परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता नहीं दी जाती, तब तक यह धरना इसी तरह जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि ये हमारी शुरुआत है और ये सांकेतिक धरना है। इस मौके पर जीवन सिंह सर्कल प्रधान फेडरेशन एटक, बिक्रमजीत सिंह नेता कर्मचारी यूनियन फलजीत, नवीन कुमार एमएसयू, दलजीत सिंह कथूरिया कर्मचारी फेडरेशन भारद्वाज, जसविंदर सिंह जस्सा आईटीआई कर्मचारी यूनियन, पूरन सिंह खाई कर्मचारी यूनियन चाहल, दर्शन सिंह कर्मचारी यूनियन पहलवान, हरदीप सिंह जूनियर इंजीनियर यूनियन और भारतीय किसान यूनियन एकत डकौंदा के प्रदेश उपाध्यक्ष गुरमीत सिंह भट्टीवाल, जिला अध्यक्ष करम सिंह बलियाल ने भी कमलजीत सिंह को शहीद का दर्जा और परिवार को 1 करोड़ रुपये मुआवजे की मांग करते हुए चेतावनी दी कि अगर पंजाब सरकार या पावरकॉम प्रबंधन ने मृतक को न्याय नहीं दिया तो संगठन मुख्य सड़क जाम कर धरना शुरू कर देंगे।

उल्लेखनीय है कि गांव बलियाल में बिजली कर्मचारी की करंट लगने से मौत की इस घटना के संबंध में पुलिस ने पावरकॉम भवानीगढ़ के एसडीओ महिंदर सिंह की शिकायत पर गांव बलियाल के एक पति-पत्नी को मौत के लिए कथित तौर पर जिम्मेदार मानते हुए मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी गई है। एसडीओ का आरोप है कि गांव में बिजली आपूर्ति ठीक करने के दौरान उक्त परिवार द्वारा जेनरेटर चलाने के कारण लाइन में बैक करंट आने से यह घटना घटी और कर्मचारी की मौत हो गयी।

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