पंजाब के लोगों के लिए जारी हुआ फरमान, अब इन कामों के लिए लेनी होगी मंजूरी

Edited By Kalash,Updated: 01 Jan, 2025 06:34 PM

order of permission for works in punjab

माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत पंजाब सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन किया है।

फरीदकोट : जिला मजिस्ट्रेट फरीदकोट विनीत कुमार आई.ए.एस. ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत प्राप्त हुए अधिकारों का प्रयोग करते हुए जिले में कुएं, बोरवेल/ट्यूबवेल की खुदाई/मुरम्मत के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। इसमें शहरी और ग्रामीण इलाकों में कच्चे कुएं और बोरवेल/ट्यूबवेल खोदने के कारण लोगों और बच्चों के इनमें गिर जाने से होने वाले जान-माल ने नुकसान से बचने के लिए और आम लोगों की सुरक्षा को मुख्य रखते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत पंजाब सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन किया है।

आदेशों के अनुसार जिला फरीदकोट की सीमा के भीतर जमीन मालिक कुआं/बोर खोदने से पहले जिला कलेक्टर, संबंधित सरपंच ग्राम पंचायत, नगर परिषद, जन स्वास्थ्य विभाग, भूमि संरक्षण विभाग को 15 दिन पहले सूचित करेगा। कुआं/बोरवेल खोदने या मुरम्मत करने वाली सभी एजेंसियों जैसे कि सरकारी /अर्धसरकारी/निजी आदि की रजिस्ट्रेशन होना जरुरी है। कुआं/बोरवेल खोदने या मुरम्मत के स्थान पर ड्रिलिंग एजेंसी का और कुआं खुदवाए जाने वाले मालिक का पूरा पता साइनबोर्ड लगाया जाए और उस साइनबोर्ड पर ड्रिलिंग एजेंसी का रजिस्ट्रेशन नंबर भी लिखा हो।          

उन्होंने कहा कि बोरवेल के आसपास कंटीली तार और इसे स्टील की प्लेट से ढकने के साथ नट-बोल्ट से बंद कर करव कर रखा जाएगा और कुएं/बोर के ढक्कन केसिंग पाइप से नट-बोल्ट के साथ फिक्स होना चाहिए। कुएं/बोरवेल के आसपास सीमेंट/कंक्रीट का प्लेटफॉर्म जो  जमीनी स्तर से 0.50*0.50*0.60 मीटर कुएं के आसपास बनाया जाना जरुरी है। कुआं/बोरवेल खोदने या मुरम्मत के बाद खाली जगह अगर कोई हो उसे मिट्टी से भरा जाए /खाली बोरवेल/कुएं को मिट्टी/रेत से ऊपर तक भरा जाए और काम के बाद जमीनी स्तर को पहले की तरह किया जाए।        

उन्होंने बताया कि कुआं/बोरवेल को किसी भी स्थिति में खुला न छोड़ा जाए। नकारा पड़े कुएं को नीचे से ऊपर तक चिकनी मिट्टी, पत्थर, कंक्रीट आदि से अच्छी तरह भरना चाहिए। कोई भी व्यक्ति कुआं/बोरवेल खोदने या मुरम्मत, जल सप्लाई और सैनिटेशन विभाग की लिखित मंजूरी और उनकी देखरेख के बिना नहीं करवाया जाएगा। 

मजिस्ट्रेट ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरपंच एवं कृषि विभाग के अधिकारी और शहरी इलाके में जन स्वास्थ्य विभाग, भूमि संरक्षण विभाग, नगर पालिका जूनियर इंजीनियरों और कार्यकारी अधिकारियों द्वारा अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में हर महीने रिपोर्ट तैयार की जाएगी कि उनके इलाके में कितने बोरवेल/कुएं आदि नए खुदवाए गए। कितनों की मुरम्मत करवाई, कितने प्रयोग में है और कितने भरवाए गए। इन विभागों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र की उक्त रिपोर्ट की एक कॉपी अपने दफ्तर में रिकॉर्ड के रूप में रखी जाएगी और एक कॉपी हर महीने अतिरिक्त डिप्टी कमिश्रन (विकास), फरीदकोट को भेजी जाएगी। उनके द्वारा इस संबंध में पूरे रिकार्ड की संभाल की जाएगी। यह आदेश  23 फरवरी 2025 तक लागू रहेगा।    

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