Edited By Vatika,Updated: 12 Sep, 2024 10:13 AM
इसके साथ मरीजों की अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे तथा लैबोरेटरी टैस्ट भी बंद कर दिए गए
जालंधर: सरकार से अपनी मांगें पूरी करवाने को लेकर हड़ताल पर बैठे डाक्टरों के साथ चंडीगढ़ में हुई अहम मीटिंग में पंजाब सरकार ने 3 महीनों का समय मांगा है, ताकि उनकी मांगें पूरी हो सके। डाक्टरों की पी.सी.एम.एस एसोसिएशन इस बात को लेकर नहीं मानी है। एसोसिएशन का कहना था कि पंजाब सरकार उनकी मांगों को पूरा करने हेतु पहले नोटिफिकेशन जारी करे। तभी पंजाब भर में चल रही सरकारी डाक्टरों की हड़ताल खत्म होगी। डाक्टरों की हड़ताल अब दूसरे चरण में पहुंच चुकी है, जिसके तहत आज (12 सितम्बर) से लेकर 15 सितम्बर तक डाक्टर ओ.पी.डी. में बैठ कर मरीज नहीं चैक करेंगे। इसके साथ मरीजों की अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे तथा लैबोरेटरी टैस्ट भी बंद कर दिए गए है। सिर्फ एमरजैंसी सेवाएं ही चालू रहेगी। कोई ओ.पी.डी. नहीं (पूर्ण बंद) सिविल अस्पताल में कोई वैकल्पिक ओटी नहीं, केवल सीजेरियन सैक्शन (वैकल्पिक और आपातकालीन दोनों) और जीवनरक्षक सर्जरी निर्बाध रूप से जारी रहेंगी।
यह चिकित्सा परीक्षा नहीं होगी
-ड्राइविंग लाइसैंस चिकित्सा परीक्षा।
-शस्त्र लाइसैंस चिकित्सा परीक्षण।
-सामान्य चिकित्सा परीक्षण।
-भर्ती संबंधी चिकित्सा परीक्षण।
-कोई यू.डी.आई.डी. कार्य नहीं।
-कोई वी.आई.पी./वी.वी.आई.पी. ड्यूटी नहीं।
-कोई डोप परीक्षण नहीं।
-कोई रिपोर्टिंग नहीं।(केवल डेंगू संबंधी रिपोर्टिंग की जानी है)
-कोई बैठक नहीं।
-कोई पूछताछ नहीं।
-कोई कायाकल्प आकलन नहीं।
निरंतर जारी रहेगी यह सेवाएं
-आपातकालीन सेवाएं।
-पोस्टमार्टम।
-मेडिकोलीगल जांच।
-न्यायालय साक्ष्य।
-न्यायिक चिकित्सा जांच।
लोग बोले सरकार हमारी भी सोचे, डाक्टरों की कमी को पूरा करे
वहीं सिविल अस्पताल में उपचार करवाने आने वाले मरीजों का कहना था कि पंजाब सरकार को डाक्टरों की मांगों को पूरा करना चाहिए, क्योंकि देखा जाए तो डाक्टरों की मांगों में यह मांग भी लोगों के हित में है कि डाक्टरों की कमी को पक्के तौर पर पूरा करना चाहिए। क्योंकि डाक्टरों की कमी के कारण लोगों को वो सेहत सुविधा नहीं मिल रही जो डाक्टरों की कमी को पूरा करने के बाद सुविधा मिल सकती है। इसके अलावा डाक्टरों की बाकी मांगों की तरफ भी सरकार को ध्यान देना चाहिए, ताकि डाक्टरों की हड़ताल खत्म हो सके।
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