राज्य के मुद्दों पर सांसदों ने मुख्यमंत्री को शीशा दिखाने का किया प्रयास

Edited By swetha,Updated: 30 Jan, 2020 11:03 AM

mps tried to show the chief minister a mirror on the issues of the state

बाजवा ने जाखड़ के साथ मिलाए सुर

चंडीगढ़(भुल्लर): मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह द्वारा राज्य के कांग्रेसी सांसदों की मीटिंग में लगाई जा रही अटकलों के विपरीत माहौल काफी अच्छा रहा। लोकसभा सदस्यों के अलावा राज्यसभा के मौजूदा सदस्य और पंजाब प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलो के अलावा मौजूदा अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी पहुंचे। चाहे गत दिनों बाजवा, दूलो और जाखड़ अपनी ही सरकार की कार्यशैली और अफसरशाही पर सवाल उठाते रहे और मीटिंग में भी मुद्दों को दोबारा मुख्यमंत्री की मौजूदगी में जोरदार तरीके से उठाया। प्रमुख मैंबरों द्वारा मुख्यमंत्री को पंजाब के मुद्दों पर शीशा दिखाने का प्रयास किया गया। मुख्यमंत्री ने बातें ध्यान से सुनी और किसी तरह की तलखी पैदा नहीं हुई। दूलो और बाजवा के साथ कैप्टन काफी समय बाद आमने-सामने हुए थे और माहौल गत दिनों की बयानबाजियों के विपरीत खुशगवार रहा।

पंजाब का पक्ष मजबूती के साथ संसद में रखने पर चर्चा : मीटिंग में यह फैसला किया गया कि सांसदों की सलाह लेने के लिए ऐसी बैठकें भविष्य में लगातार की जाएंगी और गंभीर मुद्दों पर चर्चा कर संसद में उठाए जाएंगे। पंजाब के विकास और प्रशासन के कार्य के संबंधी भी संसदों के सुझाव लिए जाएंगे। मीटिंग विशेष तौर पर मोदी सरकार द्वारा पहली फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट के मद्देनजर बुलाई गई थी। इसमें नए बजट को लेकर सरकार को घेरने, पंजाब का पक्ष मजबूती से संसद में रखने की रणनीति पर चर्चा की गई। 
मीटिंग में कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोङ्क्षहद्रा के अलावा सरकार के उच्चाधिकारी भी उपस्थित रहे। मीटिंग में उठाए गए मुद्दों में बिजली समझौतों को रद्द करने का मामला विशेष तौर पर उल्लेखनीय है। लगभग सभी सदस्य समझौतों को रद्द करने पर बिजली दरों में लोगों को राहत देने के लिए सहमत थे। इसके अलावा एडवोकेट जनरल नंदा की कारगुजारी का मामला भी दोबारा उठाया गया। 

बाजवा ने जाखड़ के साथ मिलाए सुर

प्रताप बाजवा का कहना था कि ए.जी. के साथ निजी दुश्मनी नहीं है, परंतु कार्य असंतोषजनक है जिस कारण महत्वपूर्ण केस हार रहे हैं। गैर-कानूनी माइङ्क्षनग का मुद्दा भी मुख्य रूप में उभरा और कई मुद्दों पर बाजवा और जाखड़ सुर में सुर मिलाते दिखे। गैर-कानूनी माइनिंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर जोर दिया गया। जाखड़ ने पुराने खातों के विवाद के कारण 31 हजार करोड़ रुपए के केंद्रीय कर्जे के मामले की बात उठाते हुए कहा कि प्राथमिकता के आधार पर लेना चाहिए, क्योंकि पूर्व सरकार की देन है। दूलो ने एस.सी. विद्याॢथयों की पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के अलावा इस वर्ग के साथ जुड़े कई मुद्दे उठाए और सरकार के वायदों की गति 3 वर्ष बाद भी सुस्त होने पर बात रखी। पंजाब में अवैध शराब की बिक्री के कारण खजाने को लग रहे चूने का मुद्दा भी उठाया गया। जाखड़ ने एस.जी.पी.सी. चुनाव का मुद्दा विशेष तौर पर उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं ताकि बादलों के कब्जे से कमेटी को मुक्त करवा कर गुरुद्वारा प्रबंध में सुधार किए जा सके।

प्रधानमंत्री के पास मुद्दे उठाने का फैसला 

मीटिंग दौरान मैंबरों ने भारत सरकार के कृषि लागत और मूल्य कमीशन द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य की नीति का नजरसानी करने संबंधी केंद्र सरकार को हाल ही में सिफारिश को पंजाब के किसानों के लिए गंभीर खतरा मानते हुए मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह को प्रधानमंत्री के पास पहुंचाने के कारण नीति की जांच न करने के लिए अपील करने के लिए कहा। मीटिंग में फैसला हुआ कि मुख्यमंत्री द्वारा कृषि लागत और मूल्य कमीशन की सिफारिश को मंजूर करने के खतरों संबंधी प्रधानमंत्री को मिल कर अवगत करवाएंगे। सतलुज-यमुना ङ्क्षलक नहर के केस की स्थिति संबंधी सांसद मैंबरों को जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने संसदों को अंतर्राजीय दरियाई पानी के विवाद (संशोधित) बिल- 2019 की धारा 12 के उपबंध में संशोधन करने के लिए जोर लगाने के लिए कहा। यह भी फैसला किया गया कि पंजाब भवन, दिल्ली में प्रदेश सरकार द्वारा अधिकारी तैनात किए जाएंगे, जो संसदों के साथ तालमेल करने के अलावा उनके साथ पंजाब के साथ संबंधित मामलों संबंधी भी जानकारी सांझी करेंगे।

अनाज भंडार की समस्या पर चर्चा

अनाज भंडार की समस्या पर चर्चा करते हुए मामला केंद्र के पास उठाने की बात कही गई। टैक्सटाइल सैक्टर के लिए सरहदी और चयनित जिलों में आमदनी कर एक्ट, 1961 की धारा 80 (1) (बी) अधीन राहत देने की लंबित मांग को केंद्र सरकार और संसद में उठाने का फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री ने संसदों को पंजाब की हद में पड़ते इलाकों के लिए सुखना जंगी जीव रक्षा, चंडीगढ़ के आसपास को ईको सैंसटिव जन घोषित करने के लिए केंद्र के पास दबाव डालने के लिए कहा। फिरोजपुर में पी.जी.आई. सैटेलाइट केंद्र की स्थापना और पंजाब में दूसरा एम्स स्थापित करने के मुद्दों पर चर्चा की गई। मीटिंग में लोकसभा मैंबर डा. अमर सिंह, जसबीर सिंह गिल, चौधरी संतोख सिंह, परनीत कौर, मनीष तिवाड़ी, गुरजीत सिंह औजला और मुहम्मद सद्दीक भी शामिल थे।

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