Edited By Kalash,Updated: 19 Nov, 2023 03:57 PM

सरे-राह चलते लोगों को लूट लेने और छोटी-छोटी बातों पर गोली की भाषा बोलने वालों के लिए अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस ने दिन-रात सड़कों पर मोबाइल टीमें उतारने की प्लॉनिंग को अंतिम रूप दे दिया है
अमृतसर : सरे-राह चलते लोगों को लूट लेने और छोटी-छोटी बातों पर गोली की भाषा बोलने वालों के लिए अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस ने दिन-रात सड़कों पर मोबाइल टीमें उतारने की प्लॉनिंग को अंतिम रूप दे दिया है। मात्र 24 घंटों के अंदर-अंदर यह टीमें अमृतसर पुलिस के कप्तान नौनिहाल सिंह का इशारा पाते ही किसी समय भी सड़कों पर दौड़ पड़ेगी। एक दर्जन के करीब पुलिस की मोबाइल टुकड़ियों की व्यूह-रचना इस प्रकार से की जा रही है कि अपराधी को इस बात का पता ही नहीं चल सकेगा कि पुलिस की टीमें कब और किस मोड़ पर उनके आपराधिक रास्तों के सामने आ जाएं।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एवं अमृतसर कमिश्नर नौनिहाल सिंह आईपीएस की मास्टर प्लानिंग और ट्रेनिंग के तले की जा रही इन टीमों की तैनाती 24 घंटे सड़कों पर रहेगी। आवश्यकता पड़ने पर इनकी मात्रा को घटाया और बढ़ाया भी जा सकता है। पिछले त्यौहारी दिनों में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस का फोकस ज्यादातर धार्मिक स्थानो पर होता था जहां पर अलग-अलग समुदाय के लोग दर्शन करने हेतु इकट्ठे होते थे। कम स्थान पर अधिक लोगों की गिनती अथवा भीड़-भाड़ होने के कारण पुलिस की जिम्मेदारी उनकी सुरक्षा पर और भी सख्त हो जाती है। इसका लाभ उठाकर भी कुछ शातिर लोग वारदात करने में सफल हो जाते हैं अथवा अपनी रंजिश निकलते हैं। त्यौहारों के दिन निकल जाने के बाद अब पुलिस के पास उपयुक्त फोर्स और कमांडो के जवान हैं, जो इन अपराधी लोगों को सही रास्ता दिखाएंगे।
इंटरजोन टीमें हो चुकी है तैयार
पुलिस की मास्टर प्लॉनिंग में यह इंटरजोन टीमें केवल एक ही जोन में काम नहीं करेगी बल्कि समय-समय पर यह दूसरे जोन में आती-जाती रहेंगी। उदाहरण के तौर पर यदि एक टीम अमृतसर जोन नंबर (1) में चल रही है तो आपसी तालमेल के बीच जोन नंबर (3) की टीम (1) में और (1) की टीम जॉन नंबर (2) में होगी। एक से दूसरे जोन जाते और आते समय सभी मोबाइल टीमें अलग-अलग रास्तों का प्रयोग करेंगी। इन परिस्थितियों में बड़े से बड़े अपराधी के लिए भी देर रात के अंधेरे में बाहर निकलना आसान नहीं होगा।
आपस में रहेगी मोबाइल टीमों की कोऑर्डिनेशन
गठित की गई इन मोबाइल टीमों का आपस में पूरा तालमेल होगा और यदि किसी भी स्थान पर शंका अथवा खतरे की संभावना दिखाई देती है तो पूरी टीमें एक ही स्थान पर पहुंच सकती हैं। वहीं यदि कोई गुस्ताख-अपराधी पुलिस को देखकर भागने का प्रयास करता है तो उसे घेरने का भी पूरा प्रबंध किया जाएगा, जिसमें पुलिस टीमें तुरंत लाइव लोकेशन आपस में शेयर करेंगी। कुल मिलाकर पुलिस अपराधियों पर अपना दबाव बनाना चाहती है, ताकि कोई अपराधी बाहर निकलने से पहले दस बार सोचे।
नशे में वाहन चलाने वालों पर होगा फोक्स, एल्कोमीटर का किया जाएगा प्रयोग
पुलिस इस बात को मानकर चलती है कि शराब अथवा अन्य नशा करके रात को घूमने वाले अचानक आक्रमक हो जाते हैं। हालांकि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं होती, लेकिन एक दूसरे के देखा-देखी यह लोग दिलेर हो जाते हैं। शराब पीकर मैरिज पैलसों में गोलियां चलाना भी गंभीर अपराध की तरफ एक पहला कदम है। पुलिस टीमों द्वारा एल्कोमीटर की सहायता से शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर भी सख्त कारवाई बराबर बनी रहेगी। पुलिस का मानना है कि 10 में से 9 अपराधिक और 6 दुर्घटना के मामले नशे के कारण ही होते हैं।
मैरिज पैलसों पर भी रहेगी नजर!
विवाह शादी और फंक्शन के समय हवाई फायरिंग करना एक रिवाज बनता जा रहा है। इसमें जब लोग सामूहिक तौर पर इकट्ठे हो जाते हैं तो कई बंदूके निकलनी शुरू हो जाती हैं, जिसमें पुरानी दुश्मनी अक्सर सामने आती है, क्योंकि यह लोग आपस में वाकिफकार होते हैं और उनकी फंक्शन के बीच गोली चलाने के समय दुश्मनी बाहर आकर विस्फोटक रूप ले जाती है। ऐसी परिस्थितियों में मैरिज पैलेस अथवा रिजॉर्ट्स वालों को पुलिस को सूचना देनी चाहिए, ताकि कोई बड़ा हादसा न हो जाए। पुलिस के उच्चाधिकारियों का कहना है कि इस मामले में होस्ट अथवा कोई अन्य व्यक्ति पुलिस की मदद करते फायरिंग करने वाले की वीडियो अथवा सूचना देगा, उसका नाम गुप्त रखा जाएगा।
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