गुरबानी कीर्तन कर बुरे फंसे मीका सिंह,मर्यादा की उल्लंघना का मामला गर्माया

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jan, 2018 12:16 PM

मुंबई में एक सिख द्वारा गुरू गोबिन्द सिंह के प्रकाश पर्व को समर्पित करवाए गए संकल्प समारोह में गुरू ग्रंथ साहिब की हजूरी में गायक मीका सिंह  से गुरबानी का कीर्तन करा कर सिख मर्यादा की हुई उल्लंघना का मामला गर्मा गया है।

अमृतसरः मुंबई में एक सिख द्वारा गुरू गोबिन्द सिंह के प्रकाश पर्व को समर्पित करवाए गए संकल्प समारोह में गुरू ग्रंथ साहिब की हजूरी में गायक मीका सिंह  से गुरबानी का कीर्तन करा कर सिख मर्यादा की हुई उल्लंघना का मामला गर्मा गया है। इस समारोह में तीन तख्तों के जत्थेदारों समेत शिरोमणि समिति के प्रधान और अधिकारी भी उपस्थित थे। 

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विरोध कर रहे सिख पक्ष ने मांग की है कि जत्थेदार इस उल्लंघना के लिए सिख कौम से माफी मांगें। यह संकल्प समारोह वैसे भी मूल नानकशाही कैलेंडर में शामिल प्रकाश पर्व की तारीख मुताबिक मनाया गया है, जिसे अकाल तख्त से सुधारा जा चुका है और शिरोमणि समिति की तरफ से उसे अपनाया जा चुका है। इस संबंधित सोशल मीडिया पर सिख धार्मिक नेताओं की आलोचना हो रही है। दिल्ली समिति के पूर्व प्रधान हरविन्दर सिंह सरना ने कहा कि कल हुए समारोह में तीन तख़्तों के जत्थेदार जिनमें अकाल तख्त, तख्त हजूर साहिब और तख्त पटना साहिब के जत्थेदार शामिल थे। इसके अलावा शिरोमणि समिति के प्रधान गोबिन्द सिंह लोंगोवाल, मुख्य सचिव डा. रूप सिंह भी उपस्थित थे। 

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उन्होंने कहा कि इस समारोह में सिख रहित मर्यादा और सिद्धांतों की धज्जियां उड़ाई गई हैं। इस समारोह का सीधा प्रसारण भी एक टीवी चैनल पर किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि समारोह में इन धार्मिक नेताओं की हाजिरी में जहां गुरू ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया था, वहीं मीका सिंह की तरफ से गुरबानी का कीर्तन किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पतित सिख को सिरोपा भी दिया गया और फिल्मी कलाकारों का भी सम्मान किया गया। एक महिला कलाकार के पास से गुरू की हाजिरी में माथा  टिकवाया गया, जो गुर मर्यादा का उल्लंघन है।

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इसी तरह शिरोमणि समिति के पूर्व जनरल सचिव और पंथक फ्रंट के कनवीनर सुखदेव सिंह भौंरा ने कहा कि इस मामले में जत्थेदारों समेत शिरोमणि समिति प्रधान और अन्य को सिख पंथ के पास से क्षमा याचना करनी चाहिए। पूर्व जत्थेदार और पंथक तालमेल संगठन के कनवीनर ज्ञानी केवल सिंह ने कहा कि तख्तों के जत्थेदारों की प्रमुख ड्यूटी में पंथक रहित मर्यादा को लागू कराना भी शामिल है, परन्तु मुंबई में हुए समारोह दौरान पहरेदारों के सामने रहित मर्यादा का उल्लंघन हुआ है। शिरोमणि समिति की पूर्व जनरल सचिव और मौजूदा मैंबर किरनजोत कौर ने कहा कि तख्तों के जत्थेदारों को इस मामले में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

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दूसरी तरफ़, शिरोमणि समिति के वक्ता और अतिरिक्त सचिव दिलजीत सिंह बेदी ने कहा कि प्रकाश पर्व को समर्पित संकल्प समारोह किसी भी तारीख को कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि रहित मर्यादा की कोई उल्लंघना हुई है तो तख्तों के जत्थेदार भी वहां थे, जिन्हें इस का नोटिस लेना चाहिए था। 

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