Edited By Urmila,Updated: 12 May, 2025 12:05 PM

'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पंजाब के बॉर्डर जिलों में हुए ड्रोन अटैक का सीधा असर सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर पड़ा है।
पंजाब डेस्क: 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पंजाब के बॉर्डर जिलों में हुए ड्रोन अटैक का सीधा असर सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर पड़ा है। खासकर यूपी और बिहार से आए प्रवासी श्रमिकों और स्टूडेंट्स में डर का माहौल है, जिसकी वजह से वे बड़ी संख्या में पंजाब छोड़कर अपने घर लौट रहे हैं। इधर धान की रोपाई का सीजन करीब है, लेकिन लेबर की कमी से पंजाब के किसानों को गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। मजदूरों के पलायन से लुधियाना और अमृतसर जैसे औद्योगिक शहरों में उत्पादन प्रभावित हो सकता है। इंडस्ट्री पर असर देखने को मिल सकता है। स्टूडेंट्स और पर्यटक भी लौटने लगे हैं, जिससे संस्थानों और पर्यटन व्यवसाय को नुकसान हो रहा है।
सीजफायर के बावजूद सुरक्षा को लेकर भरोसे की कमी महसूस कर रहे हैं। बॉर्डर इलाकों में बार-बार हो रही घटनाओं से आम लोग डरे हुए हैं। प्रवासी मजदूरों को लगता है कि घर पर रहना ज्यादा सुरक्षित है। यह स्थिति राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों के लिए एक चेतावनी है कि अगर सुरक्षा और भरोसे का माहौल नहीं बना तो इसका दूरगामी असर पंजाब की कृषि और अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। पंजाब में पैदा हुए असुरक्षा के माहौल ने विभिन्न वर्गों के प्रवासियों, स्टूडेंट्स, पर्यटकों, छोटे व्यवसायियों और मजदूरों को गहरे स्तर पर प्रभावित किया है।
इस अपडेट से स्पष्ट है कि पंजाब के अलग-अलग जिलों लुधियाना, अमृतसर, पठानकोट, अमृतसर, बठिंडा से लेबर, छात्र और छोटे व्यवसायी तेजी से अपने मूल राज्यों की ओर लौट रहे हैं, विशेषकर यूपी और बिहार से आए प्रवासी। लुधियाना में इंडस्ट्री से जुड़ी लेबर अपने देश यू.पी., बिहार जा रही है। लुधियाना में भी ज्यादा तर इंडस्ट्री इन यू.पी.-बिहार से आए लोगों पर निर्भर है। उधर पठानकोट में माहौल खराब हो रहा है। जब माहौल पूरी तरह से ठीक हो तो वापिस आने की सोचेंगे।
वहीं बात जालंधर की करें तो जालंधर रेलवे स्टेशन पर प्रवासियों की भीड़ देखने को मिल रही है। जहां पंजाब के अलग-अलग जिलों के प्रवासी अपने देश लौट रहे हैं। वहीं स्टूडेंट्स भी तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए घर लौटने का फैसला लिया है। इधर पंजाब में धान का सीजन शुरू हो रहा है। देखा जाए तो किसान इन प्रवासियों पर निर्भर हो चुके हैं। धान की रोपाई के समय बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। लेबर के पलायन से पंजाब में आने वाले समय में धान रोपाई के लिए लेबर का संकट खड़ा हो सकता है। खेती के साथ-साथ इंडस्ट्री के लिए भी चुनौती खड़ी कर सकती है।
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