Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Aug, 2017 01:36 AM
शिरोमणि अकाली दल के नेता बलदेव ....
अमृतसर(ममता): शिरोमणि अकाली दल के नेता बलदेव सिंह सिरसा ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ पर शाब्दिक हमला करते आरोप लगाया कि मक्कड़ ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल के कहने पर 11 साल बादल परिवार और इसके चहेतों को गुरु की गोलक लुटाई है।
उसके साथ-साथ प्रधान बनने के बाद स्वयं भी गुरु की गोलक को लूट कर अपनी भी करोड़ों की जायदाद बनाई है। इन लोगों को न तो गुरु का भय, न सिख कौम और न ही दुनिया की अदालतों की कोई परवाह है। दस्तावेज जारी करते हुए उन्होंने पत्रकारों से कहा कि सहजधारी सिखों ने हाईकोर्ट में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में वोट का अधिकार पाने के लिए केस कर रखा था। हाईकोर्ट नेे 20 दिसम्बर 2011 को फैसला सहजधारियों के पक्ष में दे दिया, जिस से सितम्बर 2011 में एस.जी.पी.सी. के हुए जनरल मतदान में नए बने हाऊस पर भी एक किस्म की रोक लग गई। उक्त फैसले के विरुद्ध शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करके स्टे की मांग की, परन्तु कमेटी को स्टे तो न मिला केवल हर रोज के कामकाज के लिए पुरानी कार्यकारिणी को एक्ट 1925 के मुताबिक अधिकार मिल गए।
उन्होंने कहा कि 15 सितम्बर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया जिसके साथ ही पुरानी कार्यकारिणी को मिले अधिकार भी समाप्त हो गए। इस फैसले के बाद न ही मक्कड़ प्रधान रहा और न ही पुरानी कार्यकारिणी के किसी अधिकारी और मैंबर को कमेटी की मीटिंग करने का अधिकार रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि फैसले के बावजूद अवतार सिंह मक्कड़, रघुजीत सिंह विर्क सीनियर उप-प्रधान, केवल सिंह जूनियर उप-प्रधान, सुखदेव सिंह भौर महासचिव, रामपाल स्ंिाह, मोहन सिंह बंगी, दयाल सिंह कोल्यांवाली, भजन सिंह शेरगिल, सुरजीत सिंह गढ़ी, निरमैल स्ंिाह जौलें कलां, मंगल सिंह सभी नं. 5 से 11 तक पूर्व कार्यकारिणी मैंबर और रजिन्द्र सिंह मेहता पूर्व और मौजूदा कार्यकारिणी सदस्यों ने गुरुद्वारा एक्ट 1925 और सिखी सिद्धांतों का हनन करते हुए गुरु की गोलक से अरबों रुपए लूटने की नीयत से गैर-कानूनी तौर पर 29 सितम्बर 2016 को कागज-पत्रों द्वारा रस्मी तौर पर मीटिंग करके 228 फैसले जो 52 पन्नों पर लिखे हुए हैं, चुपचाप पास करके लगभग 20 करोड़ रुपए के बिल और साहित्य आदि द्वारा गुरु की गोलक लूटी और लुटाई।
कुछ गुरु घरों की जमीनों के तबादले और बेचने के लिए कमेटियां बनाई गईं जैसे कि मद नंबर 4647 द्वारा गुरुद्वारा डेरा बाबा करतार बख्श बेदी सुजानपुर (पठानकोट सुजानपुर) शहर के अंदर 11 एकड़़ जमीन जिस की कीमत लगभग 175 करोड़ बनती है, को बेचने के लिए हलका मैंबर, मुख्य सचिव और पटवारी को खुली बोली द्वारा बेचने के अधिकार और उस के बाद इस रकम से कृषि वाली जमीन खरीदने के अधिकार भी दिए गए हैं। इस तरह से यह 350 करोड़ का स्कैंडल बनता है।
सिरसा पागलखाने जाकर जांच करवाएं: मक्कड़
जत्थेदार अवतार सिंह मक्कड़ ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते कहा कि वह किसी का पढ़ाया पाठ बोल रहा है। उस के पीछे जो शक्तियां काम कर रही हैं, को जल्दी ही वह सामने लाएंगे। उन्होंने कहा कि जहां तक सिरसा का मामला है, उसे वह सुझाव देते हैं कि वह पागलखाने में जाकर अपनी जांच करवाएं।