लुधियाना में 3 सीईटीपी से निकल रहे पानी को बुड्डा नाला में डालने को मजबूर डाईंग इंडस्ट्री

Edited By Vatika,Updated: 01 Jun, 2023 01:52 PM

ludhiana news bhudha nala

चैनल न होने के कारण उन्हें बुड्डा नाला में ही दोबारा पानी डालना पड़ रहा है।

जालंधर/लुधियाना (अनिल पाहवा): पंजाब डायर्स एसोसिएशन ने पंजाब सरकार से मांग की है कि लुधियाना में डाईंड इंडस्ट्री से निकलने वाले पानी को साफ करने के बाद कृषि प्रयोग लाने के लिए चैनल का तुरंत निर्माण किया जाए। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान से अपील की है कि 2010 से लंबित पड़ी इस मांग को मंजूर करके उस पर काम करवाया जाए। आज यहां विशेष बातचीत के दौरान एसोसिएशन के सचिव बॉबी जिंदल, निदेशक बब्बू जिंदल तथा निदेशक कमल चौधरी ने कहा कि वह लोग सीईटीपी के माध्यम से पानी साफ कर रहे हैं लेकिन चैनल न होने के कारण उन्हें बुड्डा नाला में ही दोबारा पानी डालना पड़ रहा है।

तीन सीईटीपी साफ कर रहे डाईंग इंडस्ट्री का पानी
गौरतलब है कि लुधियाना में डाईंग इंडस्ट्री से निकलने वाले पानी को साफ करने के लिए तीन सीईटीपी प्लांट लगाए गए हैं जिसमें रोजाना करीब 100 एमएलडी पानी साफ किया जा रहा है। इन तीनों सीईटीपी को तैयार करने में करीब 200 करोड़ रुपए का खर्च आया है जिसमें से करीब 60 करोड़ रुपए राज्य व केंद्र सरकार की तरफ से सब्सिडी दी गई है जबकि बाकी खर्च एसोसिएशन ने किया है। 

करीब 138 करोड़ रुपए की लागत से बनना था चैनल
ताजपुर, फोकल प्वायंट तथा बहादरके में लगे इन तीनों सीईटीपी में एसोसिएशन के 225 सदस्यों की तरफ से चलाई जा रही डाईंग इंडस्ट्री का पानी डाला जा रहा है। एसोसिएशन ने बताया कि पानी को साफ करने के बाद बुड्डा नाला में डालना पड़ रहा है जबकि 2012 में बनी प्रोजैक्ट रिपोर्ट के अनुसार इसे चैनल में डाला जाना था। हैरानी की बात है कि करीब 138 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला चैनल आज तक नहीं बन पाया है। यह चैनल लुधियाना और मोगा जिलों में बनना था जहां से सीईटीपी का पानी निकल कर चैनल के माध्यम से कृषि प्रयोग के लिए ले जाया जाना था। 

बहादरके सीईटीपी की क्षमता बढ़ाने की योजना
लुधियाना में डाईंग इंडस्ट्री से निकलने वाले पानी को साफ करने तथा दोबारा प्रयोग में लाए जाने के लायक करने के लिए बहादरके इलाके में लगे 15 एमएलडी क्षमता वाले प्लांट को 65 एमएलडी करने की योजना है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि इसके लिए काम चल रहा है। इसके साथ साथ सभी तीन प्लांट पर सोलर सिस्टम लगाने पर भी काम कर रहे हैं ताकि बिजली की खपत का पैसा बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि सभी 225 सदस्य हर माह एक निर्धारित भुगतान करते हैं तथा जो भी सीईटीपी के साथ जुड़े हैं उनके युनिट के बाहर सीवरेज में बकायदा मीटर लगे हैं जिससे उनकी तरफ से निकाले जा रहे पानी के बारे में जानकारी मिलती रहे। a

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