कूड़े से लाखों-करोड़ों कमाएगा निगम, जानें किस तरह से करेगा Use

Edited By Sunita sarangal,Updated: 24 Feb, 2024 09:50 AM

garbage processing plant become source of income for municipal corporation

जालंधर नगर निगम की नई योजना कामयाब रही तो निगम को आने वाले समय में कूड़े से भी कमाई हो सकती है।

जालंधर: सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट के मामले में अगर जालंधर नगर निगम की नई योजना कामयाब रही तो निगम को आने वाले समय में कूड़े से भी कमाई हो सकती है। पता चला है कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट संबंधी पहला पायलट प्रोजैक्ट जो जालंधर निगम द्वारा 66 फुटी रोड पर फोल्डीवाल सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट के अंदर लगाया जा रहा है, उसका एक उद्देश्य यह भी है कि कूड़े के अंदर छिपे खजाने को पहचान कर उसे कमाई का साधन बनाया जा सके।

खास बात यह है कि इस सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट प्लांट के तहत जहां ड्रम कम्पोस्टिंग तकनीक के माध्यम से कूड़े को खाद में बदला जाना है, वहीं फोलड़ीवाल सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट के अंदर एम.आर.एफ. यानि मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सैंटर भी बनाया जा रहा है। वैसे तो इस प्लांट के एक चरण में घर-घर से गीला और सुखा कूड़ा अलग-अलग होकर ही आएगा परंतु प्रोसैसिंग प्लांट के साथ ही लगने जा रहे एम.आर.एफ सैंटर में भी कूड़े को अलग-अलग करने की सुविधा मौजूद रहेगी।

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विशेषज्ञों के मुताबिक घरों से एकत्रित किए गए कूड़े को कन्वेयर बैल्ट पर चलाया जाएगा। इसके बाद उसमें से कई चीजें अलग की जा सकेंगी। ड्रम कम्पोस्टिंग संबंधी प्रक्रिया के बाद कूड़े को खाद में बदलने हेतु वहां पहले से ही बने पिट कंपोस्ट यूनिट को भी काम में लाया जाएगा और इस सारी प्रक्रिया के बाद जो खाद तैयार होगी उसे बेचकर नगर निगम लाखों करोड़ों की कमाई करेगा। 

गौरतलब है कि इस समय भी फोलड़ीवाल सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट के अंदर कूड़े का बहुत बड़ा डम्प बना हुआ है जहां आसपास के कई वार्डों का कूड़ा आता है। इस कूड़े को नगर निगम वरियाणा डम्प तक भेजने के काम पर करोड़ों रुपए खर्च करता है। अगर यहां प्रोसैसिंग प्लांट लगता है तो सारा कूड़ा यहीं प्रोसैस हो जाएगा। ऐसे में निगम के वह करोड़ों रुपए भी बचेंगे और उसे खाद इत्यादि बेचकर अतिरिक्त कमाई भी होगी।

वेस्ट प्लास्टिक से बनी टाइलों को भी बेचेगा नगर निगम
फोलड़ीवाल प्लांट के अंदर सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट सिस्टम लगाने के बाद जहां नगर निगम कूड़े से बनी खाद को बेचेगा, वहीं इसी प्रोसैसिंग प्लांट के तहत वेस्ट प्लास्टिक से टाइल बनाने का कारखाना भी लगाया जा रहा है। इस प्रक्रिया से जहां शहर के एक बड़े हिस्से को प्लास्टिक से मुक्ति मिलेगी, वहीं टाइलों को बेचने से निगम को अतिरिक्त कमाई भी हो सकती है। इन टाइल्स को फुटपाथों और पार्कों इत्यादि में भी लगाया जा सकता है। खास बात यह है कि वेस्ट प्लास्टिक के साथ टाइल्स बनाने के काम में पानी की खाली बोतलें, शैंपू इत्यादि की बोतल और अन्य उत्पाद भी लाए जा सकते हैं। नगर निगम का प्रयोग अगर कामयाब रहा तो यहां भी कूड़े से निकलने वाले वेस्ट प्लास्टिक से सुंदर टाइलें बनाई जा सकती हैं जैसे बेंगलुरु और अन्य स्थानों पर पहले से ही बन रही हैं।

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फोलड़ीवाल प्लांट के अंदर पहुंच चुकी है काफी मशीनरी
पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड तथा एन.जी.टी. से प्राप्त निर्देशों के बाद जालंधर निगम ने फोलड़ीवाल में कूड़े से खाद बनाने वाला कारखाना लगाने का काम शुरू कर दिया है। इस कारखाने के साथ बनने वाले एम.आर.एफ. सैंटर के लिए 20 मशीनों की खरीद होनी है जिसमें से 8 मशीनें निगम के पास पहुंच चुकी हैं और उन सभी मशीनों को फोलड़ीवाल प्लांट के अंदर भेज दिया गया है। 

जल्द ही निगम को 12 और मशीनें प्राप्त हो जाएंगी जिन्हें भी यहीं फिट किया जाएगा। एम.आर.एफ. सैंटर चालू होने के बाद ही वहां ड्रम कंपोस्टिंग यूनिट लगाया जाएगा जिसके तहत और बहुत सारी मशीनरी यहां लगाई जाएगी। पता चला है कि इस कूड़े के कारखाने के संचालन हेतु नगर निगम ने वर्कफोर्स की व्यवस्था भी करनी शुरू कर दी है और इसके लिए प्रक्रिया भी चालू हो चुकी है। गौरतलब है कि इस प्लांट को लगाने और इसके संचालन हेतु जालंधर निगम प्राइवेट कंपनी की सेवाएं लेने जा रहा है। जो कंपनी प्लांट को लगाएगी, वह अगले 5 साल तक इसका संचालन भी करेगी।

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