जेल से गैंगस्टर  बोला-पुलिस तशदद के खिलाफ लड़ रहे हैं

Edited By Updated: 25 Mar, 2017 12:09 PM

gangster talked from jail   police are fighting against tashadad

जिला जेल में हवालातियों व कैदियों की तरफ से किए गए हंगामे को लेकर जेल प्रशासन पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। इनमें से एक कारण तो यह हैं कि जेल में जैमर लगे होने के बावजूद कैदी व हवालाती जेल के अंदर से मोबाइल का प्रयोग करते हैं। इस बात का एक...

गुरदासपुर(विनोद, दीपक) :जिला जेल में हवालातियों व कैदियों की तरफ से किए गए हंगामे को लेकर जेल प्रशासन पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। इनमें से एक कारण तो यह हैं कि जेल में जैमर लगे होने के बावजूद कैदी व हवालाती जेल के अंदर से मोबाइल का प्रयोग करते हैं। इस बात का एक पुखता सबूत जेल से गैंगस्टर जगतार सिंह जग्गा की तरफ से पत्रकारों को मोबाइल से फोन करना है। अगर जेल में कैदी व हवालाती मोबाइल का प्रयोग करते हैं तो यह कहना गलत न होगा कि जेल में कैदियों व हवालातियों को नशीले पदार्थ भी आसानी से उपलब्ध होते होंगे। 

जेल में बंद जगतार सिंह उर्फ जग्गा पुत्र रूपिन्द्र सिंह निवासी छापेवाली पुलिस स्टेशन ब्यास ने मोबाइल नं. 86990-61056 से पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जेल में कैदियों के बीच लड़ाई नहीं हुई जैसा कि कुछ चैनलों द्वारा प्रसार किया जा रहा है। उनकी लड़ाई जेल अधिकारियों के साथ हुई है। वह पुलिस के तशदद के खिलाफ लड़ रहे हैं।जेल सुपरिंटैंडैंट की शह पर जेल वार्डन बिना कारण हमसे मारपीट करते हैं तथा हमारी मांग है कि जेल सुपरिंटैंडैंट को बदला जाए। 


क्षमता 750 की, बंद हैं 1300 से अधिक हवालाती व कैदी 
इस जेल की क्षमता 750 कैदियों को रखने की है जबकि इस जेल में इस समय 1300 से अधिक कैदी व हवालाती बंद हैं जिन पर काबू पाने के लिए जेल सुपरिंटैंडैंट सहित 102 कर्मचारी  ही तैनात हैं।

उच्चाधिकारियों के कारण घटी घटना: वार्डन
कैदियों के हमले के शिकार वार्डन महेश पाल तथा महिन्द्र मसीह का कहना है कि जेल में पुलिस कर्मचारियों की संख्या बहुत कम है। यदि हम अपने अधिकारियों की नहीं मानते तो हमें अधिकारियों के गुस्से का सामना करना पड़ता है। यदि हम कैदियों पर सख्ती करते हैं तो कैदी उन पर गुस्सा उतारते हैं। महेश पाल तथा महिन्द्र मसीह के अनुसार जेल में बंद खतरनाक कैदियों को जेल से शिफ्ट करने तथा जेल की सुरक्षा बढ़ाने संबंधी कई बार उच्चाधिकारियों को लिखा गया है। 

घटना कैदियों पर सख्ती तथा नशों की रोकथाम का परिणाम: रोहित चौधरी 

गुरदासपुर जेल में हुई घटना की जानकारी मिलते ही अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल) रोहित चौधरी व जिलाधीश गुरदासपुर अमित कुमार देर शाम गुरदासपुर जेल पहुंचे तथा सारी स्थिति का जायजा लिया। इस संबंधी जेल में ही उच्च स्तर पर मीटिंग भी हुई। बाद में रोहित चौधरी ने कहा कि गुरदासपुर जेल में आज की घटना हमारी फोर्स द्वारा बंदियों पर की जा रही सख्ती तथा नशों की रोकथाम का परिणाम है। सख्ती करने से इस तरह की बातें होती रहती हैं। यदि सख्ती न करें तो ये मुसीबत खड़ी करते हैं। आज जिन बंदियों ने जेल वार्डन से मारपीट की है तथा जेल का नुक्सान किया है उनकी पहचान कर ली गई है जिनके विरुद्ध पुलिस केस दर्ज किया जाएगा। 

कैदियों व हवालातियों की जायज मांगें मान ली हैं: जिला पुलिस अधीक्षक

देर शाम जेल से बाहर आए जिला पुलिस अधीक्षक भूपिन्द्र जीत सिंह विर्क ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि प्रथम चरण में कैदियों व हवालातियों की कुछ जायज मांगों को स्वीकार कर लिया गया है। बंदियों ने कहा है कि उन पर बिना कारण तशद्दद किया जाता है जो बंद होना चाहिए, उन्हें बैरकों में बंद करने का समय निश्चित हो तथा जेल में घूमने की इजाजत हो, जेल में हैल्थ क्लब स्थापित किया जाए। इन मांगों को तो स्वीकार कर लिया गया है जबकि बाकी मांगों पर उच्च स्तर पर विचार होगा। विर्क ने कहा कि पूर्व सरकार ने निर्णय लिया था कि बंदियों को उनके जिलों की जेलों में ही रखा जाए ताकि उनके परिवार वाले उन्हें आसानी से मिल सकें। इस समय गुरदासपुर जेल में बड़ी संख्या मे गैंगस्टर बंद हैं। अब सरकार बदल गई है तथा इन गैंगस्टरोंं को हाई सिक्योरिटी जेलों में भेजा जाएगा परंतु इस संबंधी निर्णय उच्च स्तर पर लिया जाएगा।    

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