फर्जी एनकाउंटर मामला:  30 वर्ष बाद परिवार को मिला इंसाफ, कोर्ट ने सुनाया यह फैसला

Edited By Urmila,Updated: 07 Nov, 2022 04:25 PM

fake encounter case after 30 years the family got justice

मोहाली सी.बी.आई. कोर्ट ने 1993 में फेक एनकाउंटर मामले में आरोपियों को सजा सुनाई है।

तरनतारन:  मोहाली सी.बी.आई. कोर्ट ने 1993 में फेक एनकाउंटर मामले में आरोपियों को सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा 1-1 लाख रुपए जुर्माना लगाया है। तत्कालीन हेड कांस्टेबल शमशेर सिंह और असिस्टेंट इंस्पेक्टर जगतार सिंह ने फर्जी एनकाउंटर किया था। उस समय रिकवरी के बहाने हरबंस सिंह को पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई थी जिसका इन्होंने एनकाउंटर कर दिया था। जांच में 4 पुलिस कर्मियों पर आरोप लगे थे जिसमें 2 पुलिस कर्मियों ट्रायल के दौरान देहांत हो गया था। बता दें कि फर्जी एनकाउंटर मामले में परिवार को 30 वर्ष बाद इंसाफ मिला है। 

जिक्रयोग्य है कि थाना सदर तरनतारन की पुलिस ने हरबंस सिंह निवासी गांव उबोके का फर्जी एनकाउंटर कर दिया था। उस दौरान पुलिस ने हरबंस के साथ एक अज्ञात व्यक्ति की भी हत्या की थी। यह मामला 1993 का है। मृत हरबंस सिंह के भाई निर्मल सिंह ने कानूनी लड़ाई लड़ी। इस मामले की जांच सी.बी.आई. द्वारा की गई। सी.बी.आई. जांच में एनकाउंटर को फर्जी पाया गया जिसके चलते 25 जनवरी 1999 को सी.बी.आई. पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। तरनतारन के थाना सदर के तत्कालीन प्रभारी SI पूर्ण सिंह, ASI जागीर सिंह और ASI जगतार,  तत्कालीन हेड कांस्टेबल शमशेर सिंह ने 1993 में फर्जी पुलिस एनकाउंटर किया था। 

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here

पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here

अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here

 

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!