पराली जलाने को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट, अब तक इतने पर्चे दर्ज

Edited By Kalash,Updated: 15 Nov, 2023 05:36 PM

district administration alert regarding stubble burning

पराली जलाकर पर्यावरण को प्रदूषित करने, धुएं से बुजुर्गों, बच्चों और सांस के मरीजों को होने वाले नुकसान को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

फरीदकोट (चावला, रवि): पराली जलाकर पर्यावरण को प्रदूषित करने, धुएं से बुजुर्गों, बच्चों और सांस के मरीजों को होने वाले नुकसान को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उक्त बातें उपायुक्त विनीत कुमार ने व्यक्त करते हुए कहा कि भारत की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिले में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा अब तक जिले को सेक्टरों में बांटकर 27 पर्चे दर्ज किए जा चुके हैं।

उपायुक्त ने कहा कि सैटेलाइट की मदद से दिन हो या रात आग लगाने वाले किसानों के खेतों की सटीक जानकारी जिला प्रशासन तक पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस कार्रवाई के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों के क्षेत्र भ्रमण से 181 आगजनी की घटनाओं का पता चला है। किसानों की जमीन पर पराली में आग लगाने की जितनी (181) घटनाएं हुई हैं, उन पर सरकार की ओर से 4.5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है, जो हर कीमत पर वसूला जाएगा। विनीत कुमार ने किसानों से अपील की कि वे पराली प्रबंधन के लिए सरकार द्वारा रियायती दरों (सबसिडी) पर उपलब्ध करवाई जाने वाली मशीनरी जैसे सुपरसीडर, बेलर, हैप्पी सीडर, सरफेस सीडर, सुपर एस.एम.एस. आदि का उपयोग करें, न कि आग लगाएं।

उपायुक्त ने कहा कि पराली जलाकर किसान न केवल दूसरों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि अपने आसपास के वातावरण को भी प्रदूषित करते हैं, जो बहुत बुरी प्रथा है। उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा चलाए गए अभियान पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस संबंध में जिला प्रशासन के अधिकारियों की पूरी टीम के साथ-साथ हर पुलिसकर्मी और अधिकारी खेतों में आग लगाने की घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिले की सीमा के भीतर प्रत्येक कृषि योग्य क्षेत्र को सेक्टरों में विभाजित किया गया है और नागरिक और पुलिस अधिकारियों की संयुक्त टीमें बनाई गई हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि टीमें अपने क्षेत्रों में पराली जलाने की घटनाओं के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगी, जैसा कि प्रशासन द्वारा निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने गेहूं की बुआई से पहले धान के खेतों में आग लगाने की घटनाओं के खिलाफ सभी तरह के हथकंडे अपनाने और सख्त कदम उठाने के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि इन आदेशों के अनुरूप जितने भी अधिकारियों/कर्मचारियों की इस कार्य के लिए ड्यूटी लगाई गई है, उनके द्वारा किसी भी प्रकार की लापरवाही या कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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