Edited By Urmila,Updated: 11 Jan, 2025 06:09 PM
जिला मजिस्ट्रेट संगरूर, संदीप ऋषी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा सहायता (B.N.S.S.), 2023 की धारा 163 के तहत प्राप्त अधिकारों का सही उपयोग करते हुए ज़िले में साइबर कैफे के मालिकों के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
संगरूर (विवेक सिंधवानी): जिला मजिस्ट्रेट संगरूर, संदीप ऋषी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा सहायता (B.N.S.S.), 2023 की धारा 163 के तहत प्राप्त अधिकारों का सही उपयोग करते हुए ज़िले में साइबर कैफे के मालिकों के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह आदेश 24 फरवरी 2025 तक लागू रहेंगे।
नए आदेशों के अनुसार, किसी भी अज्ञात व्यक्ति को बिना पहचान कराए साइबर कैफे का उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी। प्रत्येक साइबर कैफे के मालिक को कैफे में आने वाले लोगों की पहचान के लिए रजिस्टर रखना होगा। साइबर कैफे के मालिक पहचान पत्रों जैसे वोटर कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, और क्रेडिट कार्ड आदि के आधार पर उपयोगकर्ता की पहचान करके रजिस्टर में इसका पंजीकरण करेंगे। इस पंजीकरण में उपयोगकर्ता का नाम, पता, टेलीफोन नंबर और पहचान संबंधित जानकारी शामिल होगी।
अगर किसी व्यक्ति की गतिविधि संदिग्ध लगती है, तो कैफे मालिक को तुरंत पास के स्थानीय थाने को सूचित करने की हिदायत दी गई है। आदेश में कहा गया है कि ज़िले के साइबर कैफे अक्सर आतंकवादी, अपराधी और असामाजिक तत्वों द्वारा गलत उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, जो जनता की सुरक्षा और राज्य की खुफिया सेवाओं के लिए गंभीर चुनौती पेश कर सकते हैं। इसलिए, साइबर कैफे की सेवाओं की निगरानी और दिशा-निर्देशों का पालन करना जरूरी है। ज़िला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ये दिशा-निर्देश सुरक्षा प्रयासों को मजबूत करने के लिए हैं ताकि आतंकवादी गतिविधियों और आपराधिक तत्वों की कोशिशों को नाकाम किया जा सके।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here