पंजाब के हजारों लोगों के कारोबार पर मंडराने लगे संकट के बादल! पढ़ें पूरी Report

Edited By Vatika,Updated: 27 May, 2025 09:56 AM

clouds of crisis may loom over the business of thousands of people in punjab

पंजाब के एक बड़े व्यापार केंद्र को झेलना पड़ता है।

जालंधर: भारत-पाकिस्तान में आजादी के बाद से जब भी संघर्ष और तनाव बढ़ा है इसका सीधा असर पंजाब के एक बड़े व्यापार केंद्र को झेलना पड़ता है। हालांकि व्यापार प्रतिबंध भारत के सभी हितधारकों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करते हैं, लेकिन इसका प्रभाव पंजाब में कहीं अधिक गंभीर है, क्योंकि इस मार्ग से होने वाला अधिकांश व्यापार राज्य से होता है। व्यापार विशेषज्ञों ने उल्लेख किया कि अटारी सीमा के माध्यम से भारत-पाकिस्तान व्यापार ने पंजाब में, विशेष रूप से अमृतसर और उसक आसपास के क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण आर्थिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है। इस व्यापार ने हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान किया, जिसमें ट्रांसपोर्टर, कुली, दुकानदार और संबंधित उद्योगों में काम करने वाले लोग शामिल हैं। वर्तमान परिस्थितियों में कई लोगों की रोजी-रोटी पर संकट के बादल भी मंडराने लगे हैं।

कैसे प्रभावित होता है पंजाब का कारोबार
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब में विभिन्न लघु-स्तरीय इकाइयों द्वारा निर्मित स्ट्रॉ रीपर, अटारी में आई.सी.पी. के माध्यम से पाकिस्तान को निर्यात किए जाने वाले महत्वपूर्ण  उत्पाद है। 2016-17 और 2018-19 के बीच निर्यात किए गए स्ट्रॉ रोपर की संख्या 846 से 1110 इकाइयों के बीच थी, जिससे निर्यात आय 1844 लाख रुपए से 2488 लाख रुपए के बीच थी। व्यापार प्रतिबंधों के कारण 2019-20 में स्ट्रॉ रीपर का नियंत घटकर 100 इकाई रह गया, जिससे आय घटकर 232 लाख रुपए यह गई। निर्यातकों को सामान्य व्यापार स्थितियों के वाय 2020-21 में पाकिस्तान को 2441 स्ट्रॉरीपर भेज जाने की उम्मीद थी, जिससे 6195 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हो सकता था। अटारी-बापा भूमि मार्ग पहली बार 2005 में खोला गया था और इस मार्ग पर इकों की आवाजाही 2007 में शुरू हुई थी।  अटारी में आई.सी.पी. का उद्‌घाटन 13 अप्रैल, 2012 को यू.पी.ए. सरकार के तहत किया गया था. जिसमें तेज और लागत प्रभावों भूमि व्यापार के लिए सुविधाओं का प्रावधान किया गया था।

द्विपक्षीय व्यापार में पहले से ही गिरावट
पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर अटारी में एकीकृत बैंक पोस्ट (आई.सी.पी.) को तत्काल प्रभाव से बंद करने का भारत के फैसले से भारत और पाकिस्तान के बीच 3886.53 करोड़ रुपए का सीमा पार व्यापार रुक गया है। लैंड पोर्टस अथॉरिटी ऑफ इंडिया के आंकड़ों से पता चलता है कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद 2019 में भारत द्वारा पाकिस्तानी सामान पर 200 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने के बाद से द्विपक्षीय व्यापार में पहले से ही गिरावट आ रही थी।  आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार भारत ने सोयाबीन, पोल्ट्री फीड, सब्जियां, लाल मिर्च, प्लास्टिक दाने और पनास्टिक पार्न जैसी वस्तुओं का निर्यात किया, जबकि अटारी में लैंड पोर्ट के माध्यम से पाकिस्तान से सूखे मेवे, खजूर, जिप्सम, सीमेंट, कांच, सेंधा नमक और जड़ी-बूटियों सहित सामान का आयात किया। 120 एकड़ में फैली यह बंदरगाह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसकी राष्ट्रीय राजमार्ग । तक सीधी पहुंच है।

सरकार ने की है विशेष पैकेज की मांग
इन सारे हालात के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और विपक्ष के नेता ने केंद्र से विशेष आर्थिक पैकेज जारी करने की मांग की। जालंधर में बोलते हुए उन्होंने कहा पंजाब पहले ही बहुत कुछ झेल चुका है और मौजूदा वृद्धि आर्थिक गतिविधियों को बड़ा झटका देती है। आर्थिक पैकेज से मदद मिलेगी। उनकी मांग को पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा बडिंग ने दोहराया और राज्य की अर्थव्यवस्था को बचाने का अह्वान किया। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विशेष पैकेज की मांग को आगे बढ़ाने की अपील की।

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