चंडीगढ़-अमृतसर तथा चंडीगढ़-गुरदासपुर इंडस्ट्रीयल कोरिडोर बनेंगे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Aug, 2017 04:52 AM

chandigarh gurdaspur industrial corridor will be built

राज्य में कांग्रेस सरकार द्वारा बनाई जा रही नई औद्योगिक नीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है....

जालंधर(धवन): राज्य में कांग्रेस सरकार द्वारा बनाई जा रही नई औद्योगिक नीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है, जिसके तहत चंडीगढ़-अमृतसर कोरिडोर बनाने पर सहमति बनी है। नई नीति में नए औद्योगिक पार्क तथा टाऊनशिप बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। सरकार की कोशिश है कि जो सरकारी जमीनें खाली पड़ी हुई हैं, उनका सदुपयोग किया जाए। बार्डर बैल्ट के लिए चंडीगढ़-होशियारपुर-गुरदासपुर इंडस्ट्रीयल कोरिडोर बनाने की योजना पर काम शुरू किया जा रहा है। 

चंडीगढ़-अमृतसर शहरी इंडस्ट्रीयल कोरिडोर योजना के तहत इसमें पडऩे वाले मौजूदा औद्योगिक कलस्टर्स को सरकार द्वारा मजबूती प्रदान की जाएगी। चार प्रमुख इंडस्ट्रीयल पार्क तथा 10 इंडस्ट्रीयल एस्टेट बनाने का प्रस्ताव भी विचाराधीन है। अमृतसर तथा मोहाली के लिए एक-एक आई.टी. हब बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री कै.अमरेन्द्र सिंह के सामने जल्द ही नई औद्योगिक नीति का मसौदा पेश कर उनकी सहमति ली जाएगी। अभी तक नई औद्योगिक नीति को लेकर कैप्टन व अन्य वरिष्ठ मंत्रियों की अध्यक्षता में कई बैठकें हो चुकी हैं। 

जल्द ही नई नीति को अगली कैबिनेट की बैठक में पेश करने का प्रस्ताव है। लघु व मध्यम आकार के उद्योगों को पेश आ रही समस्याओं को देखते हुए अमरेन्द्र सरकार द्वारा ‘एम.एस.एम.ई. पंजाब’ नामक संगठन का गठन किया जाएगा, जो लघु व मध्यम उद्योगों को पेश आ रही चुनौतियों का समाधान करेगा। राज्य में इस समय लघु व छोटी औद्योगिक इकाइयों की गिनती डेढ़ लाख से ज्यादा है। उद्योगों को स्टाम्प ड्यूटी में रियायत देने बारे भी विचार किया जा रहा है। आई.टी. उद्योगों को पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से दिए जाने वाले क्लीयरैंस सर्टीफिकेट से राहत दिलवाई जाएगी।

अमरेन्द्र के नेतृत्व में बनेगी पॉलिसी इम्पलीमैंटेशन कौंसिल
मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में पॉलिसी इम्पलीमैंटेशन कौंसिल बनाने का प्रस्ताव भी नई औद्योगिक नीति में रखा जा रहा है। इसी तरह से इंडस्ट्रीयल पॉलिसी व प्रोमोशन यूनिट का गठन होगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक स्टीयरिंग कमेटी बनेगी, जिसमें विभिन्न प्रशासनिक सचिवों को शामिल किया जाएगा। 

अमृतसर, जालंधर व लुधियाना जैसे पुराने औद्योगिक शहरों के लिए अलग नीति
इसी तरह से पुराने औद्योगिक शहरों अमृतसर, जालंधर, लुधियाना व पटियाला के लिए अलग योजना नई औद्योगिक नीति में रखी जाएगी। 20 साल पहले बनाए गए होटलों को पार्किंग से छूट दी जाएगी। नई नीति में इन शहरों में नए पार्किंग स्थल बनाने की तरफ ध्यान दिया जाएगा। उद्योग विभाग द्वारा जल्द ही नई औद्योगिक नीति के मसौदे पर ऐतराज आमंत्रित कर उसे अंतिम रूप दिया जाएगा। पहले चरण में साइकिल व साइकिल पार्ट्स, ऑटो मोबाइल व ऑटो कम्पोनैंट्स, छोटे इंजीनियरिंग उद्योगों, लैदर व स्पोर्ट्स गुड्स, पैट्रो कैमिकल्स, टैक्सटाइल व आई.टी. व इलैस्ट्रॉनिक्स आदि के कलस्टर बनाने की तरफ नई नीति का फोकस रहेगा। 

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