Edited By swetha,Updated: 21 Aug, 2018 08:15 AM
सेना में कथित रूप से खराब खाना परोसे जाने की सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो से जुड़े पूर्व कांस्टेबल तेज बहादुर यादव की याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान मामले में प्रतिवादी पक्ष के रूप में केंद्र की ओर से जवाब प्रस्तुत किया गया।
चंडीगढ़(बृजेन्द्र): सेना में कथित रूप से खराब खाना परोसे जाने की सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो से जुड़े पूर्व कांस्टेबल तेज बहादुर यादव की याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान मामले में प्रतिवादी पक्ष के रूप में केंद्र की ओर से जवाब प्रस्तुत किया गया। याची तेज बहादुर के वकील एस.पी. यादव ने कहा कि याचिका में उठाए गए मुद्दों का उचित जवाब नहीं सौंपा गया। ऐसे में यादव ने कहा कि प्रतिवादी पक्ष के जवाब के खिलाफ वह अर्जी दायर करना चाहते हैं जिसके लिए हाईकोर्ट ने उन्हें समय देते हुए केस की सुनवाई 27 फरवरी तय की है।
यादव के मुताबिक मामले में अभियोजन पक्ष के गवाहों ने माना था कि वहां खाने की कमी थी, मसाले की कमी थी। ऐसे में तेज बहादुर ने कुछ गलत नहीं कहा। बी.एस.एफ. ने जवाब में कहा कि खाने में तेल इसलिए नहीं डाला जाता था क्योंकि कार्डिक की समस्या न हो। यादव ने कहा कि हमने मसालों की कमी का मुद्दा उठाया था न कि तेल का। वहीं यादव के मुताबिक बी.एस.एफ. ने तेज बहादुर के इस कार्य को देश विरोधी बताया है जबकि एन.आई.ए. ने माना था कि तेज बहादुर किसी देश विरोध कृत्य में शामिल नहीं था। बी.एस.एफ. के मुताबिक तेज बहादुर को 14 वर्ष की कैद हो सकती थी जिसका तकनीकी रूप से यादव ने विरोध किया।