पराली से बिजली पैदा करके एस.ए.ई.एल. इंडस्ट्री विश्वभर में भारत का नाम कर रही रोशन

Edited By Urmila,Updated: 06 Jun, 2023 02:18 PM

by generating electricity from stubble sael industry is making india famous

सस्टेनेबल एंड अफोर्डेबल एनर्जी फॉर लाइफ (एस.ए.ई.एल.) इंडस्ट्रीज जैसे उद्योग भारत को तेजी के साथ विकास की ओर ले जा रहे हैं।

फिरोजपुर  (कुमार): सस्टेनेबल एंड अफोर्डेबल एनर्जी फॉर लाइफ (एस.ए.ई.एल.) इंडस्ट्रीज जैसे उद्योग भारत को तेजी के साथ विकास की ओर ले जा रहे हैं जिसका सारा श्रेय उद्योगपति जसबीर आवला जैसे मेहनती उद्योगपतियों को जाता है। पराली से पैदा हो रहे प्रदूषण को खत्म करने और पराली से बिजली की पैदावार करने के साथ-साथ किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए जो काम एस.ए.ई.एल. इंडस्ट्रीज कर रही है, वह विश्व के लिए एक मिसाल है।

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यह विचार डेनमार्क के राजदूत फ्रैडी स्वाने ने गांव हकूमत सिंह वाला (फिरोजपुर-मोगा रोड) में स्थापित एस.ए.ई.एल. इंडस्ट्रीज का दौरा करने के दौरान प्रकट किए। इस अवसर पर एस.ए.ई.एल. इंडस्ट्रीज के मैनेजिंग डायरैक्टर जसबीर आवला, सी.ई.ओ. लक्षित आवला और इंडस्ट्री के पदाधिकारी भी मौजूद थे।  डेनमार्क के राजदूत ने कहा कि प्रदूषण खत्म करने के लिए सरकारों द्वारा किए जाने वाला काम एस.ए.ई.एल. इंडस्ट्रीज द्वारा किया जा रहा है। मैनेजिंग डायरैक्टर जसबीर आवला ने राजदूत को पूरा यूनिट दिखाया जिसे देखकर वह बहुत खुश हुए। फ्रैडी स्वाने ने किसानों से भी बातचीत की और बताया कि वह खुद किसान हैं। उन्होंने कहा कि इस इंडस्ट्री के साथ जुड़कर किसान वातावरण को शुद्ध रखने के साथ-साथ बहुत धन भी कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान खेती का कारोबार न छोड़े बल्कि इसे और ज्यादा बढ़ाएं।

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उन्होंने बताया कि इस इंडस्ट्री ने बी.डब्ल्यू.ई. (डेनमार्क) के सहयोग से इंजीनियरिंग वर्कशॉप की स्थापना की है, जो पावर प्लांट के सभी महत्वपूर्ण पार्ट्स का संपूर्ण निर्माण करेगी। यह यूनिट एस.ए.ई.एल. इंडस्ट्री की ओर से स्थापित किया गया है जिसका उद्घाटन राजदूत स्वाने द्वारा किया गया। उन्होंने इंडस्ट्री की आधुनिक गाड़ियां भी चला कर देखीं और खुशी जाहिर की। उन्होंने बताया कि एस.ए.ई.एल. ने 18 एम.डब्ल्यू.एच. का उत्पादन करने के लिए एक बायोमास आधारित बिजली संयंत्र स्थापित किया है और इस संयंत्र को बी.डब्ल्यू. वी थिसेनक्रुप द्वारा प्रदान की गई तकनीक के साथ स्थापित किया गया है और यह पूरी तरह से 100 प्रतिशत धान के भूसे (पराली) बायोमास पर आधारित है जिससे प्रदूषण में काफी कमी आई है। 

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जसबीर आवला और लक्षित आवला ने बताया कि इस उद्योग से 2 हजार से अधिक ग्रामीण लोगों को रोजगार मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बढ़ रहे प्रदूषण के कारण भविष्य के बढ़ते खतरे को देखते हुए उन्होंने यूरोपीयन पार्टनर के साथ मिलकर नई आधुनिक तकनीक वाला यह प्रोजैक्ट लगाया है जिससे वायु प्रदूषण खत्म हो जाएगा और पराली की राख और भी कई कार्यों में काम आ सकेगी। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य है कि यहां के किसानों को पराली जलाने की जरूरत ही न पड़े और पराली से किसानो को  ज्यादा से ज्यादा कमाई हो और उनकी इंडस्ट्री ज्यादा से ज्यादा बिजली की पैदावार करे।

एस.ए.ई.एल. इंडस्ट्रीज द्वारा 300 मैगावाट का सोलर पैनल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित 

गांव हकूमत सिंह वाला में एस.ए.ई.एल. इंडस्ट्रीज की ओर से 300 मेगावाट का सोलर पैनल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित किया गया है जो पूरी तरह से चालू है और इसकी मशीनरी और टेक्नोलॉजी इटली से इंपोर्ट की गई है। इस उत्पादन की क्षमता को 300 मेगावाट से बढ़ाकर 1000 मेगावाट प्रति वर्ष किया जा रहा है और 2023 के अंत तक यहां 1000 मेगावॉट के सोलर पैनल का पूर्ण उत्पाद शुरू हो जाएगा।

फ्रैडी स्वाने ने कहा कि पंजाब में पराली से पैदा हो रहा प्रदूषण सरकारों और आम जनता के लिए बहुत बड़ी समस्या बना हुआ है, मगर एस.ए.ई.एल. इंडस्ट्रीज किसानों से वहीं पराली खरीद कर जहां बिजली की पैदावार कर रही है ,वही किसानों को पराली जलाने की भी जरूरत नहीं पड़ रही है। 

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