Edited By Urmila,Updated: 13 Jan, 2025 03:37 PM
वहीं विगत कुछ महीनों के दौरान विजिलैंस विभाग की कमजोर हुई कार्यप्रणाली के कारण काफी संख्या में ऐसे रिश्वतखोर कर्मचारियों व अधिकारियों के हौंसले बुलंदियों तक पहुंच गए हैं।
कपूरथला : विगत कुछ दिनों के दौरान प्रदेश में विजिलैंस ब्यूरों द्वारा कई सरकारी अधिकारियों सहित बड़े स्तर पर रिश्वतखोर सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी ने जहां इस सच्चाई की पुष्टि कर दी है कि प्रदेश भर में सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी किए गए दिशा-निर्देशों का सरकारी विभागों पर कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है।
वहीं विगत कुछ महीनों के दौरान विजिलैंस विभाग की कमजोर हुई कार्यप्रणाली के कारण काफी संख्या में ऐसे रिश्वतखोर कर्मचारियों व अधिकारियों के हौंसले बुलंदियों तक पहुंच गए हैं जो लंबे समय से अपनी भ्रष्ट गतिविधियों को लेकर बदनाम रहे हैं। मार्च-2022 को प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने भ्रष्टाचार को प्रमुख मुद्दा बनाते हुए जल्द ही प्रदेश को रिश्वतखोरी से मुक्त करवाने का ऐलान किया था।
जिसके तहत मुख्यमंत्री के आदेशों पर विजिलैंस ब्यूरों ने प्रदेश भर में जबरदस्त मुहिम चलाते हुए कई बड़े सरकारी अधिकारियों सहित सैंकड़ों की संख्या में ऐसे रिश्वतखोर सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा था, जिन्होंने रिश्वतखोरी के खेल को सरेआम अंजाम देते हुए लाखों-करोड़ों रुपए की रिश्वत हासिल की थी।
सरकार की इस शुरूआती कार्रवाई से जहां आम लोगों को भारी राहत मिली थी, वहीं मुख्यमंत्री के पोर्टल पर आने वाली रिश्वतखोरी संबंधी शिकायतों के तुरंत निपटारे से सरकार की छवि भी नई ऊंचाईयों तक पहुंच गई थी, जिसके परिणाम स्वरूप रिश्वतखोरी की आदत से मजबूर बड़ी संख्या में उन सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों ने अपनी पोस्टें महत्वहीन स्थानों पर करवा ली थी ताकि वह किसी बड़ी सरकारी कार्यवाही से बच सके।
लेकिन इसके बाद रिश्वतखोरी को लेकर चल रही विजिलैंस की मुहिम ठंडे पड़ने से एक बार फिर से खुड्ढे लाईन पर चले गए बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी व अधिकारी फिर से उन स्थानों पर तैनात हो गए थे, जहां वह पहले रिश्वतखोरी के खेल को सरेआम अंजाम देते थे। सरकार की इस कार्रवाई के ढीले पड़ने से अब आम आदमी पार्टी की सरकार को लोकसभा चुनावों में भारी नुक्सान उठाना पड़ा तथा कहीं न कहीं प्रदेश में एक बार फिर से बढ़ चुकी रिश्वतखोरी ने सरकार की छवि को भारी नुक्सान पहुंचाया।
जिससे सबक लेते हुए अब एक बार फिर से सरकार ने विजिलैंस विभाग को रिश्वतखोरी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं जिसके परिणामस्वरुप पिछले कुछ दिनों के दौरान ही कई रिश्वतखोर सरकारी अधिकारी व कर्मचारी पकड़े जा चुके हैं। रिश्वतखोरी की आदत से मजबूर कई सरकारी अधिकारी फिर से उन स्थानों पर तैनात होने के लिए जुगाड़ लगा रहे हैं, जिनको वह मलाईदार पोस्टें मानते हैं।
इनमें से कई सरकारी अधिकारियों ने तो जुगाड़ लगाकर अपनी पोस्टिंग 2 से 3 स्थानों पर करवाई हुई है तथा इन स्थानों पर अपनी तैनाती के लिए मनमाफिक दिनों के आदेश जारी करवा रखे हैं, ताकि अपने मनपसंद पोस्टों पर तैनात रह कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा सके। यदि पिछले कुछ दिनों के दौरान प्रदेश भर में विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा जारी कर्मचारियों व जूनियर कर्मचारियों के तबादलों के आदेशों को देखा जाए तो काफी संख्या में ऐसे सरकारी अधिकारियों को 2 से 3 स्थानों पर तैनात किया गया है, जो पहले भी इन स्थानों पर तैनात रह चुके हैं तथा इनकी कार्यप्रणाली को लेकर आम लोगों द्वारा इन पर उंगलियां भी उठाई जाती रही हैं।
लेकिन अब फिर से ऐसे संदिग्ध अधिकारियों की फिर से प्रदेश भर के विभिन्न जिलों में तैनाती ने उनकी मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसको लेकर आने वाले दिनों में विजिलैंस ब्यूरों की टीमें प्रदेश भर में ऐसे संदिग्ध अधिकारियों व कर्मचारियों को रिश्वखोरी के मामले में गिरफ्तार कर सकती है, जो पहले भी अपनी गतिविधियों को लेकर या तो विजिलैंस ब्यूरों विभाग द्वारा पकड़े जा चुके हैं या फिर उन पर विभाग द्वारा ट्रैप भी लगाए जा चुके हैं।
ऐसे रिश्वखोर अधिकारियों की प्रदेश भर के विभिन्न जिलों में हुई तैनाती से सरकार द्वारा प्रदेश को भ्रष्टाचार से मुक्त करवाने की मुहिम पर विपरित असर पड़ता देखने को मिल सकता है, जिसका सीधा नुक्सान सरकार की छवि पर पड़ सकता है। वहीं अब विजिलैंस विभाग द्वारा चलाई गई इस नई मुहिम से आने वाले दिनों में कई रिश्वखोर सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की गिरफ्तारी देखने को मिल सकती है।
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