Edited By Vatika,Updated: 14 Jul, 2023 11:30 AM

रोजाना राजनीतिक नेताओं, जिला प्रशासन अधिकारियों तथा जिले से सामाजिक संगठनों के लोग यहां पर लोगों की मदद के लिए पहुंच रहे हैं।
जालंधर: तहसील शाहकोट के ब्लाक लोहियां खास में गत दिनों दरिया सतलुज का जलस्तर बढ़ने से 2 जगह से धुस्सी बांध टूट गया था जिस कारण गांवों के गांव पानी में डूब गए थे जबकि अभी भी धुस्सी बांध की दरारें भरने का काम युद्वस्तर पर जारी है। रोजाना राजनीतिक नेताओं, जिला प्रशासन अधिकारियों तथा जिले से सामाजिक संगठनों के लोग यहां पर लोगों की मदद के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं धुक्सी बांध की दरारें भरने के लिए जिले से बोरियों में मिट्टी भरकर दरिया के किनारे पहुंचाई जा रही है। इसी बीच राहत की खबर यह है कि भाखड़ा डैम के गेट न खोले जाने, मानसून के न बरसने से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में आज पानी का स्तर काफी काम हुआ है जिससे शाहकोट, फिल्लौर व लोहिया के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।

पिछले 4-5 दिनों से डाऊन लेवल पर बने गांवों में लोगों के घरों के भीतर 7-8 फीट से ज्यादा पानी घुसने के कारण भारी नुक्सान हुआ, वहीं फसलों के अलावा पशु धन का काफी नुक्सान भी हुआ है। जलभराव के पहले दिन से डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल, स्थानीय निकाय मंत्री बलकार सिंह, सांसद सुशील रिंकू, सांसद बलबीर सिंह सीचेवाल सहित अनेकों राजनीतिक नेताओं, सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं ने राहत प्रबंधों को लेकर मोर्चा संभाला हुआ है। वहीं सेना, एन.डी.आर.एफ. की टीमें जहां लोगों को रैस्क्यू करके घरों से बाहर निकालने में जुटी रही, वहीं किश्ती में भोजन रखकर गांवों में पानी में फंसे घरों में भोजन, साफ पानी सहित अन्य सामग्री पहुंचाई जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैनात की गई स्पेशल टीमों द्वारा प्रभावित लोगों के स्वास्थ्य की जांच करके मरीजों का इलाज कर उन्हें दवाइयां दी जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि ज्यादा मरीज बुखार, दस्त, उल्टी सहित चमड़ी के रोगों सहित दिल घबराने के आ रहे हैं। अभी भी गांवों में लोग पानी के बीच व छत्तों पर रह रहे हैं और अपने घरों को छोड़ने को तैयार नहीं है। डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा हरेक प्रभावित गांव में यथा संभव सहायता की जा रही है। जिला प्रशासन के सभी विभागों के अधिकारी ग्राऊंड जीरो पर लोगो को सहायता दे रहे हैं और राहत कैंपों में सभी के लिए बढ़िया प्रबंध कर रखे हैं। उन्होंने कहा कि 500 के करीब लोगों को रैस्क्यू करके बाढ़ प्रभावित गांवों से निकाला जा चुका है। इसके अलावा धुस्सी बांध में आई दरारों को भरने का काम भी युद्ध स्तर पर जारी है। पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के प्रबंध भी मुकम्मल किए गए है।

बाढ़ से हुए नुक्सान पर किसान चिंतित, सरकार पूरे कर्ज को करें माफ
गत दिनों के मुकाबले चाहे पानी का स्तर कुछ कम हुआ है परंतु किसानों के चेहरों पर चिंता की शिकन साफ दिखने लगी है। लोहियां के किसानों जोगिंदर सिंह, राम सिंह, भगवंत सिंह, राजिंदर सिंह व अन्यों ने कहा कि उसकी 15 एकड़ फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। उन्होंने कहा कि दरिया के पानी के कारण खेतों में रेत आ गई होगी, जिससे वह अब दूसरी फसल भी एक सीजन नहीं लगा सकते हैं। घरों में 5 फीट तक पानी भरा होने के कारण उसके घर का सारा सामान भी भीग गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि किसानों का सारा कर्ज माफ करे।किसानों ने कहा कि हरेक राजनीतिक पार्टी के नेता गांवों में हाल पूछने तो रहे हैं, लेकिन उन्हें अपनी समस्या का समाधान होने की उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है। गांवों में पिछले 4 दिनों से साफ पानी और लाइट न होने के कारण वह लोग मुश्किल भरा जीवन जी रहे हैं। करीब 15 एकड़ फसल भी पूरी तरह से पानी में डूब गई है। अब उसका आगे गुजारा कैसे चलेगा, इस बात की चिंता सताई जा रही है। उसने कहा कि सरकार से भी जल्द कोई आर्थिक मदद मिलती दिखाई नहीं दे रही है।