Edited By Vatika,Updated: 06 Jun, 2020 05:27 PM
खालिस्तान की मांग करने को लेकर अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह एक बार फिर कॉंग्रेस एम.पी. रवनीत बिट्टू के निशाने पर आ गए हैं
लुधियाना(हितेश): खालिस्तान की मांग करने को लेकर अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह एक बार फिर कॉंग्रेस एम.पी. रवनीत बिट्टू के निशाने पर आ गए हैं।
बिट्टू ने कहा कि खालिस्तान के नाम पर पंजाब का माहौल खराब करने की कोशिश होने के बारे जो आशंका उनके द्वारा जाहिर की जा रही थी। उस पर अकाली दल के प्रमुख बादल की जेब से निकले अकाल तख्त के जत्थेदार व एस.जी.पी.सी के प्रधान लौंगोवाल के बयान से साफ हो गई है। इन दोनों ने देश में सिखों के साथ धक्केशाही होने की जो बात कही है उसे लेकर केंद्र के अलावा ज्यादातर राज्यों की सत्ता पर काबिज भाजपा को जवाब देना चाहिए। यहीं जिम्मेदारी भाजपा की सहयोगी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत बादल की भी बनती है।
इसी तरह उक्त दोनों पार्टियों के नेताओं को अकाल तख्त के जत्थेदार व एस.जी.पी.सी. के प्रधान द्वारा की गई खालिस्तान की मांग को लेकर भी अपना रुख साफ करना चाहिए और अगर अकाली दल इससे सहमत है तो सबसे पहले केंद्र सरकार से नाता तोड़कर बाहर आए। बिट्टू ने कहा कि अकाल तख्त के जत्थेदार व एस.जी.पी.सी. के प्रधान के उस दावे को खारिज कर दिया है कि सभी सिख व पंजाबी इसके समर्थन में है जबकि इन दोनों प्रतिनिधियों को धार्मिक संस्थानों की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए अपने आक़ाओं के सियासी हितों के लिए लोकतांत्रिक व्यवस्था को चुनौती देने से परहेज करना चाहिए, जिससे पंजाब का माहौल खराब होने का खतरा है।