Edited By Vatika,Updated: 17 Dec, 2024 12:06 PM
पंजाब वासियों के लिए जरूरी खबर है।
तरनतारन: किसान मजदूर संघर्ष कमेटी, पंजाब के प्रदेश नेता सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि पिछले 10 महीनों से देशव्यापी आंदोलन के दौरान शंभू खानूरी और रतनपुर (राजस्थान) बॉर्डर पर पैदल दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों के साथ बर्बरतापूर्ण की गई।
मोदी सरकार और देश के संविधान ने फिर से हर दिन प्रदर्शन की आजादी का गला घोंटकर किसानों और मजदूरों को एक अलग देश का अहसास कराया है, इसलिए मोदी सरकार के अत्याचारी चेहरे को उजागर करने और 25 नवंबर को पहले दिल्ली आंदोलन के दौरान निरस्त किए गए तीन काले कृषि कानूनों को कृषि विपणन नीति के नाम पर राज्यों को कार्यान्वयन के लिए भेजने के खिलाफ, दोनों मंचों पर दोपहर 12 से 3 बजे तक विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया। 18 दिसंबर को चक्का जाम के आह्वान को सफल बनाने के लिए पंजाब के 18 जिलों में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
इस ट्रेन रोको आंदोलन में पूरे पंजाब से लाखों किसान, मजदूर, महिलाएं, युवा, छोटे दुकानदार, छोटे व्यापारी भाग लेंगे। दिल्ली आंदोलन 2 को पूरे समाज को बचाने का संघर्ष बताते हुए किसान नेता ने कहा कि मोदी सरकार कृषि बाजार को खत्म करने और साइलो गोदामों को मंडी यार्ड घोषित करने व 68 करोड़ किसानों को खेती से हटाकर सस्ते श्रम में स्थानांतरित करने के एजेंडे पर चल रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी न किसान आंदोलन को लेकर साजिशपूर्ण र चुप्पी साध रखी है और सभी विपक्षी दल भी कॉरपोरेट हमले के सामने हाथ पर हाथ धरे - खड़े हैं, इसलिए देशभर के किसान मजदूर संगठनों से पुरजोर अपील की है कि एकजुट होकर उग्र संघर्ष का रास्ता चुनें।