Edited By Kalash,Updated: 06 Dec, 2021 03:08 PM

पक्का करने की मांग को लेकर 3 दिसंबर को बस अड्डा बंद करने वाले ठेका कर्मचारियों की यूनियन के सदस्यों पर पर्चे दर्ज करवाने से भड़के कर्मचारियों द्वारा बस अड्डे में मीटिंग बुलाई गई।
जालंधर (पुनीत): पक्का करने की मांग को लेकर 3 दिसंबर को बस अड्डा बंद करने वाले ठेका कर्मचारियों की यूनियन के सदस्यों पर पर्चे दर्ज करवाने से भड़के कर्मचारियों द्वारा बस अड्डे में मीटिंग बुलाई गई। पनबस और पी.आर.टी.सी. के बैनर में 27 डिपूआं के अधिकारियों ने मीटिंग में उपस्थित हो कर अपना विरोध प्रकट किया और सीधी चेतावनी देते हुए कहा कि पर्चे दर्ज किए जाए या यूनियन नेताओं को गिरफ्तार कर लिया जाए पर उनकी आवाज को अब दबाया नहीं जा सकेगा।
यह भी पढ़ें: साग खाना पड़ा इस परिवार को भारी, पति-पत्नी की हुई मौत
प्रधान रेशम सिंह गिल, सेक्रेटरी बलजीत सिंह गिल, गुरप्रीत सिंह पन्नू, हरवेश विक्की और जगतार सिंह की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में फैसला लिया गया कि 7 दिसंबर से यूनियन के 6000 कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे और अनिश्चित समय के लिए 2100 सरकारी बसों का चक्का जाम किया जाएगा और 8 दिसंबर को मुख्यमंत्री की रिहायश का घिराव किया जाएगा। इस दौरान होने वाली किसी भी परेशानी के लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की कर्मचारी विरोधी नीतियां जिम्मेदार होंगी।
यह भी पढ़ें: ऑर्बिट बस ऑपरेटरों के लिए अच्छी खबर, अदालत ने सुनाया यह फैसला
संबोधन करते हुए सेक्रेटरी बलजीत सिंह गिल ने कहा कि 6 अक्तूबर को ट्रांसपोर्ट मंत्री और 12 अक्तूबर को चरणजीत सिंह चन्नी ने भरोसा दिलाया था कि 20 दिनों में यूनियन की मांगों को पूरा करते हुए 6000 ठेका कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा पर ऐसा नहीं हो सका। गिल ने कहा कि इस उपरांत सरकार ने कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए जो पॉलिसी बनाई, उसमें भी ट्रांसपोर्ट विभाग अधीन काम करने वाले ठेका कर्मचारियों को शामिल नहीं किया गया। इसके विरोध में यूनियन की तरफ से ट्रांसपोर्ट मंत्री के साथ मीटिंग की गई, जिसमें उन को भरोसा दिलाया गया कि 1 दिसंबर को होने वाली कैबिनेट की मीटिंग में कर्मचारियों को पक्का करने की फाइल कलियर कर दी जाएगी।

यह भी पढ़ें: 6 दिनों से लापता बच्ची की इस हालत में मिली लाश, परिवार का रो-रो हुआ बुरा हाल
सेक्रेटरी गिल ने कहा कि नेताओं की तरफ से सिर्फ भरोसा दिया जा रहा है पर उनकी मांगें पूरी करने के प्रति कोई भी कदम नहीं उठाया जा रहा, जिस कारण वह संघर्ष करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि इसके विरोध में 3 दिसंबर को पंजाब के सभी बस अड्डे बंद किए गए और सरकार ने उनकी आवाज दबाने के लिए अलग-अलग थानों में पर्चे दर्ज करवा दिए। यदि सरकार ने उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की तो वह गिरफ्तारियां देने को तैयार हैं। मीटिंग में जालंधर डीपू-1के प्रधान गुरप्रीत सिंह भुल्लर, जोध सिंह, जलौर सिंह, सतनाम सिंह, जगतार सिंह, कुलवंत सिंह, जसबीर सिंह, बलजीत सिंह, सतपाल सिंह आदि मौजूद थे।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here
पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here