परमिट 6200; आटोरिक्शा दौड़ रहे 12000, शिकंजा कसने की तैयारी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Nov, 2017 09:42 AM

air pollution

जिले में चलने वाले अवैध एवं नियमों की अवहेलना करने वाले आटोरिक्शा के खिलाफ शिकंजा कसने की तैयारी हो गई है। ए.टी.ए. बलबीर सिंह ने बताया कि परिवहन विभाग एक विशेष मुहिम आरंभ करने जा रहा है जिसमें नियमों का उल्लंघन करने वाले आटोरिक्शा चालकों के खिलाफ...

जालंधर (अमित): जिले में चलने वाले अवैध एवं नियमों की अवहेलना करने वाले आटोरिक्शा के खिलाफ शिकंजा कसने की तैयारी हो गई है। ए.टी.ए. बलबीर सिंह ने बताया कि परिवहन विभाग एक विशेष मुहिम आरंभ करने जा रहा है जिसमें नियमों का उल्लंघन करने वाले आटोरिक्शा चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 2 विभागों द्वारा चलाई जाने वाली इस मुहिम में अवैध रूप से चल रहे आटोरिक्शा निशाने पर होंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार परिवहन विभाग की तरफ से किाले में लगभग 6200 आटोरिक्शा को परमिट जारी किए गए हैं जबकि मौजूदा समय किाले में करीब 12 हजार आटोरिक्शा सड़कों पर दौड़ रहे हैं।  

आटोरिक्शा चालकों के लिए क्या है अनिवार्य?
हर आटोरिक्शा जिसका कमर्शियल इस्तेमाल किया जाता है  उसके लिए सबसे कारूरी है परमिट। उसके साथ ही वैलिड आर.सी. और ड्राइविंग लाइसैंस। फिटनैस सर्टिफिकेट, वैलिड इंश्योरैंस और पाल्यूशन सर्टिफिकेट का होना अनिवार्य है।

2200 आटो के परमिट हुए पुराने, नहीं जारी करवाए नए
ए.टी.ए. बलबीर सिंह का कहना है कि कुल 6200 परमिटों में से लगभग 2200 ऐसे हैं जिनकी अवधि समाप्त हुए काफी समय बीत चुका है। उक्त आटोरिक्शा वालों ने अपने पुराने परमिट खत्म होने के बाद नए जारी ही नहीं करवाए हैं। यह आटो भी अवैध आटोरिक्शा की श्रेणी में ही आते हैं।

आऊट आफ रूट आटोरिक्शा चलाने पर होगा जुर्माना
परिवहन विभाग की तरफ से हर आटोरिक्शा को एक निश्चित एरिया (कार्पोरेशन लिमिट) के लिए ही परमिट जारी किया जाता है। जैसे किसी आटो वाले को फगवाड़ा, फिल्लौर, करतारपुर, जालंधर शहर, नकोदर या शाहकोट में से किसी एक जगह का परमिट जारी किया गया है तो वह केवल उसी एरिया में ही आटो चला सकता है। मगर अक्सर देखने में आता है कि दूसरे इलाके के परमिट वाले आटोरिक्शा चालक गलत ढंग से सवारियां बैठा लेते हैं जिससे उन्हें भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे मामलों में आऊट आफ रूट पकड़े गए आटोरिक्शा चालक को 2000 से 10000 रुपए तक जुर्माना हो सकता है।

केवल कांट्रैक्ट कैरिज परमिट हो रहे जारी
परिवहन विभाग की तरफ से केवल कांट्रैक्ट कैरिज परमिट ही जारी किए जा रहे हैं, जबकि पहले मीटर वाले परमिट भी जारी किए जाते थे। अब आटोरिक्शा चालक सवारियों से तय दूरी के लिए निश्चित राशि फिक्स करके आटो चलाते हैं। फिल्हाल अमृतसर, जालंधर और लुधियाना में केवल पैट्रोल और सी.एन.जी. गैस वाले आटोरिक्शा का ही परमिट जारी किया जा रहा है। डीकाल वाले किसी भी आटो को परमिट नहीं जारी किया जा रहा।  

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