Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Sep, 2017 10:42 AM
वेयर हाऊस के छहर्टा स्थित गोदाम में करोड़ों रुपए की गेहूं को पानी लगाने के मामले में विभाग द्वारा जहां 3 जिम्मेदार अधिकारियों को सस्पैंड कर दिया गया है, वहीं 2 अधिकारियों पर भी खतरे की तलवार लटक गई है। विभाग के एम.डी. डा. अभिनव त्रिखा ने कहा कि...
अमृतसर(पुरी): वेयर हाऊस के छहर्टा स्थित गोदाम में करोड़ों रुपए की गेहूं को पानी लगाने के मामले में विभाग द्वारा जहां 3 जिम्मेदार अधिकारियों को सस्पैंड कर दिया गया है, वहीं 2 अधिकारियों पर भी खतरे की तलवार लटक गई है। विभाग के एम.डी. डा. अभिनव त्रिखा ने कहा कि अमृतसर में स्थित गोदाम में गेहूं को पानी लगाने के मामले में आई प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर वेयर हाऊस के मैनेजर रणजीत सिंह, गोदाम के इंचार्ज दलविन्द्र सिंह और सहायक हरपाल सिंह को सस्पैंड कर दिया है। 11 सदस्यीय कमेटी ने आज चौथे दिन भी गोदामों की जांच जारी रखी।
फाइनल रिपोर्ट आने के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी। गेहूूं को पानी लगाने के लिए जिम्मेदार जो भी अधिकारी जांच-पड़ताल में सामने आएंगे उनके विरुद्ध भी विभागीय कार्रवाई हो सकती है। अभी पुलिस के पास जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करवाने का फैसला भी पैंङ्क्षडग है। आज चौथे दिन चंडीगढ़ मेन आफिस के गुरबचन सिंह के नेतृत्व में गोदाम नंबर 1,8,7,25,26,16,9 की चैकिंग हुई जबकि 15,18,20 गोदामों की कल चैकिंग हुई थी, जिसमें बड़े स्तर पर अनियमितताएं मिली हैं।
डी.एम. करनदीप सिंह ने कहा कि उनकी तरफ से पारदॢशता के साथ जांच-पड़ताल की जा रही है। किसी भी स्तर पर कोई भी बात नहीं छुपाई जा रही। मुख्य दफ्तर को पूरे हालात सेल अवगत करवाया जा रहा है। वह रिपोर्ट विभाग को देने के लिए ही पाबंद हैं जबकि सूत्रों अनुसार आज के गोदाम नंबर 16 और 9 में गेहूं की बोरियों की संख्या अलग-अलग चक्कों में पूरी निकली परन्तु इन चक्कों में लगीं बोरियों का वजन 3 से 5 किलोग्राम तक कम निकला है और गेहूं की नमी भी अधिक पाई गई है। आज की जांच-पड़ताल विभाग की तरफ से पहले की पहुंची शिकायत के साथ मेल भी की गई।
शिकायत में दर्ज गोदामों संबंधी जो भी जानकारी थी, को भी सूत्रों अनुसार सही पाया गया। विभाग अब इस एंगल से जांच करना चाहता है, जिसमें तकनीकी तौर पर जिम्मेदार अधिकारियों और जिले के प्रमुख अधिकारी की कारगुजारी निश्चित की जा सके। विभाग को इस बात के पुख्ता सबूत दिए गए थे कि कुछ वर्षों से जिले के व अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से ही गेहूं को पानी लगा कर करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा है।