Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Nov, 2017 10:43 AM
डिवीजन नंबर-5 की पुलिस ने भारत नगर चौक में करियर एक्सप्लोर प्रा.लि. के नाम पर दफ्तर चलाने वाले 2 भाइयों के खिलाफ विदेश जाने के इच्छुक विद्यार्थियों व बैंकों के जाली दस्तावेज तैयार करने का मामला दर्ज करके दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।
लुधियाना (पंकज): डिवीजन नंबर-5 की पुलिस ने भारत नगर चौक में करियर एक्सप्लोर प्रा.लि. के नाम पर दफ्तर चलाने वाले 2 भाइयों के खिलाफ विदेश जाने के इच्छुक विद्यार्थियों व बैंकों के जाली दस्तावेज तैयार करने का मामला दर्ज करके दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस इस गोलमाल में संलिप्त बाकी आरोपियों की भी जांच करने में जुट गई है।
जांच अधिकारी कुलवंत सिंह ने बताया कि पुलिस को दी शिकायत में सुरजीत शर्मा ने आरोप लगाया था कि भारत नगर चौक के समीप करियर एक्सप्लोर प्रा.लि. के नाम से दफ्तर चलाने वाले विशाल कक्कड़ व अमन कक्कड़ अपने दफ्तर में विदेश जाने वाले विद्याॢथयों की फर्जी फाइलें व उनके खातों में जमा नकदी दिखाने के लिए बैंकों के फर्जी दस्तावेज तैयार करके उनकी जिंदगी खराब कर रहे हैं।
उक्त आरोपी आवेदनकत्र्ता के बैंक खाते में कितनी रकम जमा होनी चाहिए, उसी के अनुपात अपनी कमीशन वसूलते थे। हालांकि विद्यार्थी कौन-सी कंट्री जा रहा है व उसके जमा दस्तावेजों में कितनी सत्यता है, इसकी जांच करने वाली एम्बैसी जमा फाइल की क्रॉस वैरीफिकेशन करके सच्चाई जानने के उपरांत झूठे दस्तावेज जमा करवाने वाले बेगुनाह विद्याॢथयों के खिलाफ भी कार्रवाई करने से गुरेज नहीं करती, जबकि असलियत में फर्जी कागजात कक्कड़ भाइयों द्वारा लगाए जाते हैं। जांच अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने मामले की गंभीरता को भांपते हुए तुरंत धोखाधड़ी व जालसाजी का मामला दर्ज करते हुए विशाल कक्कड़ व अमन कक्कड़ निवासी शिवाजी नगर के खिलाफ धारा-420, 120 बी, 467, 468, 471 व 506 के तहत मामला दर्ज करके दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपियों के दफ्तर में कम्प्यूटर, लैपटॉप व अन्य जरूरी कागजात भी पुलिस बरामद करने जा रही है, ताकि पता चल सके कि आरोपी कब से व कितने विद्याॢथयों की जिंदगी से जाली दस्तावेज बनाकर खिलवाड़ कर चुके हैं। वहीं, दोनों भाइयों के अलावा कौन-कौन उनकी इसमें मदद करता था, जांच के बाद उसे भी नामजद किया जाएगा।
क्या है सारा खेल
असल में पढ़ाई बेस पर विदेश जाने के इच्छुक गरीब व मध्यम वर्गीय विद्याॢथयों के परिवार आॢथक रूप में इतने मजबूत नहीं होते कि उनके सेविंग बैंक खातों में एम्बैसियों द्वारा तय रकम जमा करवा सकें। यही परिवार इन लोगों का मुख्य शिकार होते थे, जिनके खातों में नकदी दिखाने की एवज में उनसे कई गुना कमीशन वसूलने वाले आरोपियों के साथ खेल में बैंक कर्मियों की भी संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता।