सब्जी मंडी में ठेकेदारों की ‘गुंडागर्दी’ के खिलाफ भड़के सब्जी विक्रेता

Edited By bharti,Updated: 12 Sep, 2018 11:35 AM

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एक तरफ जहां पंजाब सरकार द्वारा 1 सितम्बर से राज्य भर की दाना मंडियों का ठेका ऑनलाइन कर दिया गया है, वहीं दूसरी...

मोगा(गोपी राऊंके): एक तरफ जहां पंजाब सरकार द्वारा 1 सितम्बर से राज्य भर की दाना मंडियों का ठेका ऑनलाइन कर दिया गया है, वहीं दूसरी तरफ ठेकेदारों की ओर से कथित तौर पर दुकानदारों से धक्केशाही के साथ अधिक पैसे लेने के मामले सामने आने लगे हैं। मोगा की बाहरली सब्जी मंडी के ठेकेदारों की कथित ‘गुंडागर्दी’ से भड़के  दुकानदारों ने आज ठेकेदार के खिलाफ जहां रोष प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की, वहीं दुकानदारों का आरोप था कि पहले मंडी बोर्ड के कर्मचारियों द्वारा रोजाना 50 रुपए अड्डा फीस वसूली जाती थी, जबकि अब ठेकेदारों द्वारा कथित तौर पर 70 से 250 रुपए लिए जाते हैं जिस कारण दुकानदारों को बड़ा आर्थिक  ‘रगड़ा’ लग रहा है। दूसरी तरफ रोष में आए दुकानदारों ने ऐलान किया कि यदि मंडी बोर्ड के उच्चाधिकारियों और प्रशासन ने इस तरफ ध्यान न दिया तो क्रमवार संघर्ष शुरू करने के लिए वे मजबूर होंगे।

ठेकेदार कर्मचारियों ने की पिटाई, 16 टांके लगे : अजय वीर
इस मामले संबंधी दुकानदार अजय वीर ने बताया कि करीब 1 सप्ताह पहले ठेकेदार के कर्मचारियों ने पर्ची फीस को लेकर उसकी बेरहमी से पिटाई की और वह सिविल अस्पताल मोगा में दाखिल रहा। उन्होंने कहा कि उसे 16 टांके लगे, परंतु कहीं पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। उसने कहा कि वह मामले में इंसाफ लेने के लिए सरकारी दरबार में चक्कर लगाकर थक चुका है।

क्या कहना है मार्कीट कमेटी के सचिव का
इस मामले संबंधी जब मार्कीट कमेटी के सचिव जशनदीप सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले संबंधी उन्हें कुछ पता नहीं है। उन्होंने कहा कि वह फिर भी मामले की जांच करवा रहे हैं।

दो वक्त की रोटी कमाना हुआ मुश्किल
इस दौरान रोष जाहिर करते पप्पू, गुरमेल कुमार, मुकेश कुमार, हरविंद्र, अखलेश आदि ने कहा कि पहले ही आर्थिक समस्या से गुजर रहे दुकानदारों पर पड़ रहे बोझ के कारण उनका समूह ‘ताना-बाना’ उलझकर रह गया है और सख्त परिश्रम करने के बावजूद दो वक्त की रोटी कमाना मुश्किल हुआ पड़ा है।उन्होंने कहा कि ठेकेदारों को कई दफा उन्होंने विनती की है कि मंडी बोर्ड के कर्मचारियों द्वारा पहले वसूली जा रही पर्ची फीस के तहत ही उनसे पर्ची के पैसे वसूले जाएं, परंतु उनकी कहीं पर भी सुनवाई नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि अब मजबूरीवश ही उन्हें संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ रहा है।

क्या कहना है ठेकेदार का..
इस मामले संबंधी जब ठेकेदार मनोज कुमार से संपर्क किया गया तो उसने कहा कि वह किसी तरह की कोई धक्केशाही नहीं कर रहे और सब कुछ नियमों अनुसार ही हो रहा है। उसने कहा कि किसी की भी पीटाई नहीं की गई है। लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं और 6 बाय 8 फुट के अड्डे के 50 रुपए लिए जा रहे हैं।
 

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