Edited By bharti,Updated: 19 Oct, 2018 10:00 AM
कस्बा बाघापुराना की पश्चिमी गुट में आबाद बस्ती स्प्रिंग फील्ड पूरी तरह बुनियादी सहूलियतों से वंचित है। इस बस्ती...
बाघापुराना(अजय/राकेश): कस्बा बाघापुराना की पश्चिमी गुट में आबाद बस्ती स्प्रिंग फील्ड पूरी तरह बुनियादी सहूलियतों से वंचित है। इस बस्ती के निवासी राम शरणम, लक्ष्मण सिंह, बलविंदर सिंह, पाला सिंह, गुरदेव सिंह, अजमेर सिंह गिल, कुलविंद्र सिंह आदि ने बताया कि विधानसभा तथा लोकसभा के चुनावों दौरान विभिन्न पार्टियों के नेता बड़े-बड़े दावे करके जाते हैं कि वोटें हमें दी जाएं, आपकी सभी समस्याओं का समाधान होगा लेकिन चुनाव जीतने उपरांत कोई सुध नहीं लेता और बस्ती के लोगों की समस्याएं ज्यों की त्यों बरकरार हैं। इस 21वीं सदी में भी स्प्रिंग फील्ड बस्ती के लोग मूलभूत सहूलियतों से वंचित हैं। घरों के आगे एकत्रित गंदे पानी का निकास न होने के कारण बदबूदार पानी को महिलाएं बाल्टियों व अन्य बर्तनों में भरकर दूर-दराज फैंककर आती हैं। यहां पर स्ट्रीट लाइट न होने के कारण दिन छुपते ही बस्ती में अंधेरा छा जाता है जिस कारण लोगों को मुश्किलें पेश आती हैं।
आलम वाला गांव की सीमा में पड़ती है बस्ती
चाहे यह बस्ती कस्बा बाघापुराना के मुख्य चौक से मुश्किल से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर है तथा लोगों का कोई वास्ता भी मंडी से नहीं है लेकिन हकीकी तौर पर यह रकबा गांव आलम वाला की सीमा में पड़ता है। यही कारण है कि कस्बे के बिल्कुल नजदीक होने के बावजूद इसको बुनियादी सहूलियतें भी नहीं मिल सकीं। दूसरी तरफ आलम वाला गांव से अलग होने के कारण भी ग्राम पंचायत कार्रवाई नहीं करती। वह सिर्फ बस्ती के लोगों से वोटें लेने तक ही सीमित है।
क्या कहना है हलका विधायक बराड़ का
जब उक्त समस्याओं संबंधी हलका विधायक दर्शन सिंह बराड़ से बात की गई तो उन्होंने कहा कि स्प्रिंग फील्ड स्कूल के पिछले तरफ जो बस्ती है उसमें नाली के गंदे पानी के निकास तथा स्ट्रीट लाइटों की समस्या के अलावा अन्य समस्याएं हैं। वह इस संबंधित इलाके के अधिकारी को अवगत करवाएं तथा उक्त समस्याओं का हल पहल के आधार पर करवाया जाएगा।
प्रशासन को लगाई गुहार
बुनियादी सहूलियतों से वंचित बस्ती के लोगों ने बाघापुराना की सब-डिवीजन मैजिस्ट्रेट मैडम स्वर्णजीत कौर से गुहार लगाई है कि उनको पेश समस्याओं को पक्के तौर पर हल किया जाए ताकि वे भी देश के नागरिक होने के नाते मूलभूत सहूलियतों पर आधारित जीवन व्यतीत कर सकें। लोगों ने सत्ताधारी नेताओं को भी किए वायदे पूरे करने की अपील की।