पावरकॉम सब -डिवीजन के 57 में से 44 पद रिक्त

Edited By Anjna,Updated: 21 Jun, 2018 11:16 AM

powercom sub division s 44 posts out of 57

पंजाबी में एक कहावत है कि ‘वेहड़े आई जंझ विनो कुड़ी दे कन’, लेकिन पंजाब राज्य पावर कार्पोरेशन को ‘जंझ के वेहड़े’ में आने पर भी ‘लड़की’ के कान बनाने की कोई चिंता नहीं क्योंकि पंजाब में प्रमुख फसल धान की रोपाई आज से शुरू हो चुकी है और पावरकॉम सब...

निहाल सिंह वाला/बिलासपुर (बावा/जगसीर): पंजाबी में एक कहावत है कि ‘वेहड़े आई जंझ विनो कुड़ी दे कन’, लेकिन पंजाब राज्य पावर कार्पोरेशन को ‘जंझ के वेहड़े’ में आने पर भी ‘लड़की’ के कान बनाने की कोई चिंता नहीं क्योंकि पंजाब में प्रमुख फसल धान की रोपाई आज से शुरू हो चुकी है और पावरकॉम सब डिवीजन बिलासपुर में 57 में से 44 पद रिक्त हैं। ऐसे में विभाग बिना सेना व बिना हथियारों के बड़ी लड़ाई लगने के लिए ‘डंड’ बैठकें निकाल रहा है। बेशक 20 वर्ष पहले इस सब -डिवीजन दफ्तर की स्थापना के दौरान लोगों में भारी खुशी थी, लेकिन आज यह दफ्तर लोगों के लिए सहारा बनने की बजाय सफेद हाथी बनकर रह गया है, जिस कारण पावरकॉम का सब-डिवीजन दफ्तर राम भरोसे ही चल रहा है।

धान के सीजन में किसानों के लिए भारी परेशानी
स्टाफ की भारी कमी के कारण 20 जून से शुरू हुए धान के सीजन दौरान किसानों को भारी समस्या का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि किसी भी फीडर में खराबी आने पर फीडर पर तैनात एक मुलाजिम खराबी को ठीक करने के लिए कोई कदम नहीं उठा सकता। बेशक विभाग के अपने नियमों अनुसार एक फीडर की देखरेख के लिए एक लाइनमैन तथा 2 सहायक लाइनमैन का होना जरूरी है, लेकिन सब डिवीजन बिलासपुर के दफ्तर के तहत 11 गांवों के 11 शहरी तथा 18 देहाती फीडरों के लिए 9 लाइनमैन तथा 25 सहायक लाइनमैन ही काम कर रहे हैं। पावरकॉम के मुलाजिमों ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि कई बार तो खराबी ठीक करने के लिए मुलाजिमों की कमी के कारण लंबा समय लग जाता है।

दफ्तर के पास नहीं कोई अपना वाहन
बेशक दफ्तर बने को 20 वर्ष हो गए हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक दफ्तर को कोई वाहन नहीं दिया। स्टोर से सामान लोङ्क्षडग करने के लिए भी दफ्तर के पास कोई वाहन नहीं है। कर्मचारियों को रोजाना बिजली का सामान जले तथा नए ट्रांसफार्मर, तारों व अन्य सामान लेने के लिए 80 किलोमीटर कोटकपूरा में अपने पैसों से वाहन करवाकर जाना पड़ता है। बेशक वर्ष पहले विभाग को कोटकपूरा की बजाय नजदीकी स्टोर मोगा से जोडऩे की अपील की गई थी, लेकिन अधिकारियों ने इसकी ओर ध्यान नहीं दिया। पावरकॉम द्वारा ड्यूटी मुलाजिमों को कोई तेल व मोबाइल खर्च भी नहीं दिया जाता, जिस कारण मुलाजिम अपने पास से खर्चा करके ही विभाग के काम कर रहे हैं।

हलके के 9 वाटर वक्र्स व सभी पंचायतें डिफाल्टर
11 गांवों के 2,265 उपभोक्ता दफ्तर इस दफ्तर से सहूलियतें ले रहे हैं। विभाग के सूत्रों अनुसार गांवों की सभी पंचायतों व 9 वाटर वक्र्स विभाग के डिफाल्टर हैं। डिफाल्टर उपभोक्ता की ओर विभाग की कुल एक करोड़ 87 लाख रुपए बकाया राशि खड़ी है।

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