लाखों रुपए जुर्माने के बकाया की वसूली प्रति अधिकारी दिखा रहे बेबसी

Edited By bharti,Updated: 08 Dec, 2018 12:20 PM

lakhs of rupees recovering fine of fine

स्वास्थ्य विभाग की फूड ब्रांच के अधिकारियों द्वारा जिला वासियों की सेहत को ध्यान में रखते हुए संदिग्ध खाद्य ...

मोगा (संदीप): स्वास्थ्य विभाग की फूड ब्रांच के अधिकारियों द्वारा जिला वासियों की सेहत को ध्यान में रखते हुए संदिग्ध खाद्य पदार्थों की धड़ाधड़ सैंपलिंग करने का सिलसिला काफी समय से चल रहा है, लेकिन समय पर अदालत में केस दायर करने व अदालत द्वारा इन मामलों में मिलावटखोरों को जुर्माना करने पर भी जिम्मेदार दुकानदारों संबंधी एक हैरानीजनक खुलासा हुआ है।

गत 4 साल दौरान अदालत ने कुछ कारोबारियों को खाद्य पदार्थों की रिपोर्ट फेल आने पर लाखों रुपए जुर्माना किया था, लेकिन उक्त जुर्माना अभी तक जिला प्रशासन रिकवर नहीं कर पाया। सिविल अस्पताल की फूड ब्रांच से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2014 से 2018 तक 10 लाख रुपए से अधिक की रिकवरी अभी पैंडिंग है। उक्त जुर्माना वसूल करने के लिए जिला प्रशासन व फूड विभाग की कार्रवाई महज नोटिस तक ही सीमित है।

बता दें कि जब किसी भी कारोबारी को ए.डी.सी. या फिर सी.जे.एम. की अदालत द्वारा जुर्माना व कैद की सजा का फैसला सुनाया जाता है तो वह उस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर कर सकता है। उस अपील पर फैसला आने तक अगर उक्त कारोबारी विभाग द्वारा किया गया जुर्माना नहीं भी भरता तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है, लेकिन जिला प्रशासन व फूड विभाग के पास यही जानकारी नहीं है कि अभी तक जुर्माना किए गए कितने कारोबारी उच्च अदालत में जुर्माने के खिलाफ अपील दायर कर चुके हैं।

प्रापर्टी कुर्क कर वसूला जा सकता है जुर्माना
सहायक फूड कमिश्नर हरप्रीत कौर का कहना है कि जुर्माने होने पर अदालत द्वारा लगभग 3 माह तक का समय दिया जाता है, जिससे पहले कारोबारी को जुर्माना भरना होता है लेकिन इसके बावजूद जुर्माना न भरने वाले कारोबारी को नोटिस जारी करने के बाद प्रशासन द्वारा उसकी प्रापर्टी कुर्क करवाकर जुर्माना वसूला जा सकता है। उन्होंने कहा कि पैंडिग चल रही रिकवरी को वसूलने के लिए जिला प्रशासन के साथ बैठक कर जल्द कुर्की वाला कदम उठाया जाएगा। हरप्रीत कौर ने बताया कि फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड एक्ट 2006 के सैक्शन 96 के तहत बार-बार नोटिस जारी करने पर भी जुर्माना न भरने वाले कारोबारी की प्रापर्टी कुर्क  करवाई जा सकती है।

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