70 साल बाद भी अमल नहीं हुआ यू.एन.ओ. की महासभा के प्रस्ताव का

Edited By bharti,Updated: 10 Dec, 2018 11:35 AM

70 years later the uno did not implement of the general assembly s proposal

दुनिया भर में मानवाधिकार का मामला हमेशा ही चर्चा में रहता है। आज के सभ्यक दौर में कोई भी देश...

निहाल सिंह वाला/बिलासपुर (बावा/जगसीर): दुनिया भर में मानवाधिकार का मामला हमेशा ही चर्चा में रहता है। आज के सभ्यक दौर में कोई भी देश ऐसा नहीं जहां मानवाधिकारों के साथ खिलवाड़ न होता हो। संयुक्त राष्ट्र संघ (यू.एन.ओ.) की महासभा द्वारा 10 दिसम्बर, 1948 को मानवाधिकारों का प्रस्ताव पास किया गया था। यू.एन.ओ. के चार्टर अनुसार हर मनुष्य को जीने का अधिकार, तशदद से निजात, गुलामी से आजादी, पारदर्शी इंसाफ, बोलने तथा लिखने की आजादी इसमें शामिल है। इस मामले में लिंग, धर्म, जाति, नस्ल, रंग तथा इलाके का भिन्न भेद नहीं होगा। मानवाधिकारों के मामले में भारत की हालत बहुत ही चिंताजनक है। अनेक सरकारी तथा गैर सरकारी मानवाधिकार जत्थेबंदियों के होते हालात सुधरने की बजाय बदतर हो रहे हैं।यहां जीओ तथा जीने दो के प्रसिद्ध मानवीय सिद्धांत को पैरों तले कुचला जाता है। इसके अलावा भारत में भुखमरी से हर रोज 7 हजार मौतें होती हैं। ये मौतें कुपोषण कारण होती हैं जिसके लिए देश के हाकम जिम्मेदार हैं। मानवाधिकारों के इस नजरिए से हमारा देश दुनिया के 145वें स्थान पर है। मानवाधिकारों बारे संस्था एशियन सैंटर अनुसार हर रोज पुलिस हिरासत में 4 लोगों की मौत होती है। 

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट कमलदीप सिंह दीदारेवाला, बार एसोसिएशंस मोगा के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट नसीब बावा, बार एसोसिएशन निहाल सिंह वाला के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट हरिन्द्र सिंह बराड़ ने कहा कि किसी भी प्राणी को जिंदा रहने के लिए पानी, रोजी-रोटी तथा भय मुक्त सामाजिक माहौल की जरूरत होती है। दुनिया भर में दूषित पर्यावरण व बढ़ रही ग्लोबल वाॄमग ने मानव जीवन के अस्तित्व के सामने संकट खड़ा कर दिया है। शिरोमणि कमेटी मैंबर जत्थेदार जुगराज सिंह दौधर, एडवोकेट दलजीत सिंह धालीवाल ने कहा कि भारत में मानवाधिकारों की लड़ाई का लंबा तथा शानदार इतिहास रहा है। आज जरूरत है इन लोकपक्षीय लहरों से सेध लेकर देश के हाकमों को मानवाधिकारों की रखवाली के लिए मजबूर करने की, ताकि हर प्राणी को जीने समेत अपनी जरूरतों की पूर्ति तथा न्याय मिल सके।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!