Edited By Kalash,Updated: 21 Sep, 2023 12:23 PM

नगर निगम द्वारा अवैध रूप से बन रही बिल्डिंगों के खिलाफ कार्रवाई करने का जो दावा किया जा रहा है
लुधियाना (हितेश): नगर निगम द्वारा अवैध रूप से बन रही बिल्डिंगों के खिलाफ कार्रवाई करने का जो दावा किया जा रहा है, वो खानापूर्ति से ज्यादा कुछ नजर नहीं आ रहा है। इसका सबूत बुधवार को जोन डी के ब्लाक 34 के अधीन आते इलाके हैबोवाल में देखने को मिला, जहां नगर निगम द्वारा कमिश्नर के हवाले से प्रेस नोट जारी करके एक मार्केट के रूप में बन रही आधा दर्जन दुकानों को तोड़ने की जानकारी दी गई है। जबकि असलियत यह है कि नगर निगम की कार्रवाई दुकानों के शटर तोड़ने तक ही सीमित रही और इस हिसाब से जे.सी.बी. चलाई गई कि वहां हुए निर्माण की एक ईंट को भी नुकसान नहीं पहुंचाया गया। इसे देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि फील्ड स्टाफ द्वारा की गई यह कार्रवाई आला अफसरों के साथ मीडिया को गुमराह से करने ज्यादा कुछ नही है।
इंस्पेक्टर को पहले नजर क्यों नहीं आई बिना मंजूरी के बन रही दुकानें
सरकार द्वारा नगर निगम द्वारा नक्शा पास करवाए बिना बनने वाली बिल्डिंग का फाऊंडेशन लेवल पर काम बंद करवाने के लिए एरिया इंस्पेक्टर की जिम्मेदारी फिकस की गई है। अगर बिल्डिंग को जुर्माना जमा करवा कर रेगुलर किया जा सकता है तो ठीक, वर्ना उसे तोड़ने की ड्यूटी भी इंस्पेक्टर की है। भले ही काम बंद करवाने के लिए पुलिस की मदद क्यों न लेनी पड़ी। लेकिन हैबोवाल के मामले में हालात बिल्कुल उलट नजर आए, क्योंकि मार्केट बनने से लेकर दुकानों पर शटर लगने तक इंस्पेक्टर ने आंखें बंद करके रखी और आला अफसरों के पास शिकायत पहुंचने के बावजूद सिर्फ शटर तोड़ने की खानापूर्ति की गई।
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