Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Feb, 2018 11:15 AM
अकाली दल व भाजपा के बाद कांग्रेस को भी अपने बागियों के खिलाफ कार्रवाई करने की याद आ गई है। इसके तहत आजाद चुनाव लड़ रहे ऐसे 28 उम्मीदवारों को पार्टी से बाहर करने बारे जिला प्रधान द्वारा भेजी सिफारिश पर पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ ने मोहर लगा...
लुधियाना(हितेश/रिंकू): अकाली दल व भाजपा के बाद कांग्रेस को भी अपने बागियों के खिलाफ कार्रवाई करने की याद आ गई है। इसके तहत आजाद चुनाव लड़ रहे ऐसे 28 उम्मीदवारों को पार्टी से बाहर करने बारे जिला प्रधान द्वारा भेजी सिफारिश पर पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ ने मोहर लगा दी है। यहां बताना उचित होगा कि नगर निगम चुनाव के लिए टिकटों के बंटवारे के बाद कोई भी पार्टी गुटबाजी से अछूती नहीं रही है इसके तहत जिन्हें टिकट नहीं मिली वो या तो दूसरी किसी पार्टी में शामिल हो गए हैं या फिर आजाद तौर पर अपनी पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ मैदान में डट गए हैं। ऐसे कई लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने की शुरूआत अकाली दल ने की है जिसके तहत एक वार्ड से अकाली दल की टिकट मिलने के बावजूद दूसरे वार्ड से भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ अपनी पत्नी को आजाद तौर पर खड़ा करने वाले बेदी का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। जिसके द्वारा उम्मीदवार का सर्टीफिकेट रद्द होने के बावजूद पार्टी नेताओं की फोटो होॄडग पर लगाने को लेकर अकाली दल ने पुलिस केस तक दर्ज करा दिया है।इसी तरह भाजपा ने बागी होकर आजाद चुनाव लड़ रहे व पार्टी उम्मीदवार का विरोध करने के आरोप में काफी नेताओंं को सस्पैंड कर दिया है, जिस मामले में कांग्रेस काफी पीछे चल रही है। इसके तहत चुनाव में सिर्फ 2 दिन बाकी रहने पर अब जाकर पंजाब प्रधान को 28 लोगों को सस्पैंड करने की सिफारिश भेजी गई है जो पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ आजाद तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि इस बारे फैसला होना अभी बाकी है।
मनाने की कोशिशों के बीच विरोध करने वालों पर कार्रवाईपर लगी ब्रेक
कांग्रेस ने फिलहाल उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की शुरूआत की है जो आजाद तौर पर पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं जिसे लेकर हुई देरी के लिए पार्टी के नेताओंं द्वारा पहले नाराज चल रहे लोगों को शांत करने की कोशिश करने में समय लगने का हवाला दिया गया है। अभी उन नेताओंं की एक लम्बी लिस्ट है जो खुलेआम या अंदरूनी तौर पर पार्टी उम्मीदवार का विरोध कर रहे हैं, जिन पर कार्रवाई होने का भी इंतजार किया जा रहा है। जिसके लिए पार्टी द्वारा विरोध कर रहे नेताओंं को पहले मनाने का हवाला दिया गया है, जिनमें से कई नेताओंं द्वारा पार्टी उम्मीदवार की मदद शुरू करने का दावा भी किया गया है।
विरोध करने वालों के पास घर वापसी का रास्ता
नगर निगम चुनाव के दौरान पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ आजाद तौर पर बिगुल बजाने वाले या विरोध कर रहे कांग्रेसी नेताओं पर कार्रवाई होने को लेकर कोई डर नजर नहीं आ रहा है जिसके लिए वह हाल ही में उन नेताओंं की घर वापसी का हवाला दे रहे हैं, जिन्होंने पिछले नगर निगम या वि.स. चुनाव में पार्टी उम्मीदवार का विरोध किया था। इन नेताओंं को विधायक राकेश पांडे के भारी विरोध के बावजूद कांग्रेस में दोबारा शामिल करने के साथ टिकट भी दी गई है, जिसे लेकर अब विरोध करने वालों को लोकसभा चुनाव में घर वापसी की उम्मीद है।
नेताओं की शह होने के कारण बरती जा रही नरमी
नगर निगम चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ आजाद तौर पर चुनाव लडऩे वाले अधिकतर लोगों को किसी न किसी नेता का अंदरखाते समर्थन हासिल है। ये नेता अपनी सिफारिश के मुताबिक टिकट न मिलने से नाराज चल रहे हैं और पार्टी ने इन नेताओंं की मर्जी के खिलाफ जाकर जिन लोगों को टिकट दी है उसे हराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे इन नेताओंं ने ही अपने करीबियों को पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ काम करने के लिए लगाया हुआ है और उन बागियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई होने देने में रुकावट बने हुए हैं। जिसका सबूत यह है कि वार्ड नं. 69 में कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ आजाद तौर पर चुनाव लड़ रही एक उम्मीदवार के होॄडग पर फोटो लगी होने के बावजूद पहले टिकट मांग रहे एक नेता के खिलाफ कार्रवाई का जिला प्रधान द्वारा पंजाब प्रमुख को भेजी सिफारिश में कोई जिक्र नहीं है।
पार्टी छोडऩे या इस्तीफा देने वालों पर कैसी कार्रवाई
जिला प्रधान द्वारा पंजाब प्रमुख को भेजी लिस्ट पर सवाल खड़े हो गए हैं क्योंकि पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ आजाद तौर पर चुनाव लडऩे वालों ने पहले टिकट जरूर मांगी थी, लेकिन सफलता न मिलने पर उनमें से कइयों ने दूसरी पार्टी ’वाइन कर ली है और उनके उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। इसी तरह कुछ उम्मीदवार पार्टी के पद से इस्तीफा दे चुके हैं जिनको सस्पैंड करने की सिफारिश करना समझ से परे है।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सख्ती बरतने से गुरेज
नगर निगम चुनाव के दौरान खुलेआम या अंदरखाते पार्टी उम्मीदवार का विरोध करने वालों के खिलाफ सख्ती बरतने से इसलिए भी गुरेज किया जा रहा है कि आगे लोकसभा चुनाव आ रहे हैं। अगर सभी नेताओंं को एकाएक पार्टी से बाहर कर दिया गया तो वे दूसरी पार्टी में जा सकते हैं।
साहनेवाल में हलका इंचार्ज द्वारा आजाद उम्मीदवार की सपोर्ट
नगर निगम चुनाव में जहां दूसरी कतार के नेताओंं द्वारा कांग्रेस उम्मीदवार का विरोध किया जा रहा है, वहीं कई जगह विधायक व हलका इंचार्ज तक इस खेल में शामिल हैं जिसके तहत हलका साहनेवाल में पूर्व मंत्री की सिफारिश पर जिस उम्मीदवार को टिकट मिली है उसके खिलाफ आजाद तौर पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार को हलका इंचार्ज द्वारा सपोर्ट की जा रही है। यह हालात हलका साऊथ, आत्म नगर व नॉर्थ में भी देखने को मिल रहे हैं।