सिद्धू की आंखों में धूल झोंकने के लिए एक दिन के बाद ठप्प पड़ी है निगम की कार्रवाई

Edited By Vatika,Updated: 25 Jun, 2018 11:04 AM

illegal construction

क्या महानगर में सिर्फ  30 अवैध निर्माण हो रहे हैं, यह सवाल नगर निगम की बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों की वर्किंग को लेकर खड़ा हो रहा है, क्योंकि लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की सख्ती के बाद उनकी आंखों में धूल झोंकने के लिए फील्ड में उतरे...

लुधियाना (हितेश): क्या महानगर में सिर्फ  30 अवैध निर्माण हो रहे हैं, यह सवाल नगर निगम की बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों की वर्किंग को लेकर खड़ा हो रहा है, क्योंकि लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की सख्ती के बाद उनकी आंखों में धूल झोंकने के लिए फील्ड में उतरे बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों का एक्शन एक दिन के बाद ठप्प पड़ा है।

 

यह बात अब किसी से छिपी नहीं है कि नगर निगम की बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों की मिलीभगत से थोक में अवैध निर्माण हो रहे हैं। इन बिल्डिंगों को बनाने के लिए न तो कोई नक्शा पास करवाया गया है और न ही नगर निगम की बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों ने चालान डाल कर जुर्माना वसूला है। उनमें से ’यादातर निर्माण नॉन कम्पाऊंडेबल कैटेगरी में आते हैं जिन्हें नियमों के मुताबिक तोडऩे या सील करने की कार्रवाई भी नहीं की गई जिससे नगर निगम के रैवेन्यू का नुक्सान होने सहित सरकार व कोर्ट के आदेश तथा बिल्डिंग बायलॉज व मास्टर प्लान के प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा है। इसे लेकर सिद्धू व मेयर द्वारा लगातार मीटिंग करके बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों को अपनी वर्किंग में सुधार करने की वाॄनग दी गई लेकिन कोई असर न होने पर सिद्धू खुद फील्ड में उतर आए और उन्होंने जालंधर से चैकिंग की शुरूआत की जहां बिना किसी मंजूरी के बन रही कॉलोनी व बिल्डिंग पर कार्रवाई न करने के आरोप में 8 ऑफिसर को सस्पैंड कर दिया गया।

 

सिद्धू द्वारा लुधियाना में अगली चैकिंग करने का प्रोग्राम बनाया गया था लेकिन इससे पहले जालंधर में अवैध निर्माण तोडऩे की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस विधायक सुशील रिंकू द्वारा मोर्चा खोलने के अलावा कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु ने एक्शन शुरू करने से पहले सिद्धू को वन टाइम सैटेलमैंट पॉलिसी लागू होने तक इंतजार करने की सलाह दे डाली। जिसे लेकर कांग्रेस नेताओं के बयानों का सिद्धू द्वारा गर्म लहजे में जवाब देने पर पब्लिक में सरकार की किरकिरी होने का मुद्दा दिल्ली दरबार तक पहुंच गया जिस पर राहुल गांधी ने उन्हें तलब कर लिया जहां से सिद्धू को लोकसभा चुनाव तक ऐसा कोई काम न करने की सलाह मिली है जिससे कांग्रेस को कोई नुक्सान न हो। इस पर सिद्धू ने जहां कैबिनेट सब कमेटी की बैठक बुला कर वन टाइम सैटेलमैंट पॉलिसी में सुधार के लिए मंत्रियों द्वारा की गई सिफारिश लागू करने पर सहमति दे दी है। उन्होंने लुधियाना व जालंधर के विधायकों व मेयरों के साथ मीटिंग करके अवैध निर्माण के खिलाफ  कार्रवाई करने में सहयोग देने की अपील की है।

मेयर ने बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों की बैठक बुला कर उनको सिद्धू का संदेश पहुंचा दिया है कि अगर अवैध रूप से बन रही बिल्डिंग के खिलाफ  पुख्ता एक्शन न हुआ तो सिद्धू की कार्रवाई से बचना मुश्किल है। यहां तक मेयर ने खुद बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों का लिहाज न करने की बात स्पष्ट कर दी है। लेकिन बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों की मोटी चमड़ी पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है, क्योंकि उन्होंने सिद्धू की सख्ती का हवाला देते हुए सिर्फ  एक दिन 30 अवैध निर्माण पर दिखावे की कार्रवाई की है। उसके बाद भी लुधियाना में सैंकड़ों अवैध निर्माण हो रहे हैं जिनको रोकने की जगह बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों ने करप्शन के रेट जरूर बढ़ा दिए हैं जिसके तहत घंटा घर चौक के पास सीङ्क्षलग के नाम पर एक कॉम्प्लैक्स को 1997 से पहले बना हुआ बता कर रैगुलर कर दिया गया है।  

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