न रोजगार, न कारोबार उधर से गोलियों की मार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Mar, 2018 09:08 AM

shaheed parivar fund

पाकिस्तान से लगती सरहद के किनारे बसे  जम्मू-कश्मीर के गांवों में रहने वालों के लिए दुख कतारें बांध कर आ रहे हैं।

जालंधर/जम्मूः पाकिस्तान से लगती सरहद के किनारे बसे  जम्मू-कश्मीर के गांवों में रहने वालों के लिए दुख कतारें बांध कर आ रहे हैं। सरहदी पट्टी में कोई बड़ा उद्योग या कारोबार नहीं है जहां इस क्षेत्र के लोगों को रोजी-रोटी का साधन मिल सके। रोजगार के मौकों की कोई गुंजाइश ही नहीं है। किसी-किसी घर का कोई व्यक्ति पुलिस या फौज में नौकरी हासिल कर लेता है या फिर दूर शहरों में दूसरे राज्यों में काम-धंधे की खोज में निकलना पड़ता है। सरहदी इलाकों में सेहत-सहूलियतों या शिक्षा के प्रबंध भी तसल्लीबख्श नहीं। बहुत सारे गांवों के लिए अच्छी सड़कों की भी कमी है।

 

इसके साथ ही इन इलाकों को आतंकवाद की सबसे ज्यादा मार पड़ती है। मुसीबतों का यह चक्रव्यूह यहीं खत्म नहीं होता बल्कि सरहद पार से पाकिस्तानियों द्वारा की जाती गोलियों की बौछार तथा मोर्टार (बम) इनके  घर-छतों को छलनी करते रहते हैं। ऐसी दर्दनाक हालत में इन लोगों को वर्षों से नहीं, दशकों से मर-मर कर जीना पड़ रहा है। ऐसी मुसीबत के समय लाचार लोगों को भगवान का ही सहारा है या फिर बेआसरे तथा रोजी-रोटी से वंचित परिवारों का दर्द पहचानने तथा बांटने के लिए पंजाब केसरी पत्र समूह ने पहल की तथा पद्मश्री विजय कुमार चोपड़ा जी के प्रयत्नों से राहत सामग्री के सैंकड़ों ट्रक  इन लोगों तक पहुंचाए गए। इन ट्रकों में रसोई का सामान, कंबल, रजाइयां, कपड़े तथा रोजाना प्रयोग की अन्य वस्तुएं भी शामिल होती हैं।

 

469वें ट्रक की सामग्री बांटी गई
इस सिलसिले में पंजाब केसरी राहत वितरण काफिले द्वारा 469वें ट्रक की सामग्री गत दिनों अरनिया में बांटी गई। इस मौके जरूरतमंद परिवारों को 300 रजाइयां मुहैया करवाई गईं जो कि पटियाला से समाज सेविका सङ्क्षतद्रपाल कौर के प्रयास   तथा ड्रीम्ज ऑफ सोशल ट्रैंड्ज पटियाला के सहयोग से भिजवाई गई थीं। सामग्री लेने पहुंचे लोगों को संबोधित करते राहत मुहिम के प्रमुख जे.बी. सिंह चौधरी ने कहा कि आतंकवाद पीड़ितों तथा पाकिस्तानी गोलीबारी से प्रभावित लोगों को सहायता पहुंचाने के लिए यह मुहिम अक्तूबर 1999 में शुरू की गई थी। इस मुहिम अधीन अब तक लखनपुर, बसोहली, कठुआ, हीरा नगर, सांबा, विजयपुर, आर.एस. पुरा, जम्मू, नौशहरा, अखनूर, सुंदरबनी, पुंछ, राजौरी, डोडा, किश्तवाड़, बनिहाल, रामबन, ऊधमपुर, अनंतनाग, श्रीनगर, गांधरबल आदि क्षेत्रों से संबंधित डेढ़ लाख के करीब परिवारों को सहायता पहुंचाई जा चुकी है।

 

उन्होंने कहा कि जो जरूरतमंद लोग अभी भी इस राहत से वंचित हैं उन्हें भी निकट भविष्य में सामग्री बांटी जाएगी।इस मौके पर बिश्नाह के समाज सेवी नेता कुलदीप गुप्ता (काले शाह) ने कहा कि सरहदी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के सिर पर हर समय खतरा मंडराता रहता है। पाकिस्तान द्वारा की जाती फायरिंग से इन लोगों का बहुत ज्यादा शारीरिक तथा आॢथक नुक्सान हो चुका है तथा अभी भी गोलीबारी का खतरा बरकरार है। जब भी सरहदी क्षेत्रों में हालात बिगड़ते हैं तो इन लोगों को अपने घर-बार छोड़ कर दौडऩा पड़ता है। संकटकालीन स्थिति में सरकार द्वारा इन लोगों की सुरक्षा तथा सहूलियतों के कोई प्रबंध नहीं किए जाते। ऐसी हालत में पंजाब केसरी ग्रुप द्वारा भिजवाई जाती राहत से ही इन्हें कुछ सहारा मिलता है। अरनिया के समाज सेवी  बसंत सैनी ने कहा कि संकट भरे हालात तथा मुश्किल स्थितियों में गुजारा कर रहे परिवारों के लिए राहत सामग्री एक सहायता के साथ-साथ बहुत बड़ा हौसला भी है। इससे इन परिवारों को यह एहसास होता है कि दुख के समय वे अकेले नहीं हैं बल्कि सारा देश उनके साथ खड़ा है।इस राहत वितरण आयोजन समय जालंधर के समाज सेवी इकबाल सिंह अरनेजा, बिश्नाह के रूपेश महाजन,  मोनू बराल, अनिल कुमार तथा विकास शर्मा भी मौजूद थे।

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