कहीं घर में किराएदार व नौकर/नौकरानियों के रूप में मौत तो नहीं रख रहे आप

Edited By Vatika,Updated: 23 Jul, 2018 10:39 AM

servant at home

हर तरफ दौड़ते-भागते रास्ते..हर तरफ आदमी का शिकार आदमी। इसी तर्ज पर अपने घरों में किराए पर या नौकर/नौकरानियों के रूप में रखी मौत से आप कितने सावधान हैं, का जवाब कोई दूसरा नहीं दे सकता है। किराएदार की सूचना देकर हाऊस टैक्स के रूप में सैंकड़ों रुपए...

जालंधर(रविंदर): हर तरफ दौड़ते-भागते रास्ते..हर तरफ आदमी का शिकार आदमी। इसी तर्ज पर अपने घरों में किराए पर या नौकर/नौकरानियों के रूप में रखी मौत से आप कितने सावधान हैं, का जवाब कोई दूसरा नहीं दे सकता है। किराएदार की सूचना देकर हाऊस टैक्स के रूप में सैंकड़ों रुपए बचाने की चाह व सजग न होने से अनेक लोगों ने जाने-अनजाने में अपने घरों में मौत को पनाह दे रखी है। इसका दूसरा पहलू यह भी है कि यदि नगर निगम प्रशासन इसे गंभीरता से ले तो सरकार को करोड़ों रुपए की आमदनी हो सकती है। वहीं पुलिस के लिए वारदात के बाद आरोपी को ढूंढना आसान हो सकता है। बशर्ते पुलिस व प्रशासन इसे गंभीरता से लें। अन्यथा बिना जानकारी वाले किराएदार हमेशा से बड़ी वारदात को अंजाम देकर पुलिस के लिए सिरदर्द बने रह सकते हैं। प्रदेश भर में हर माह ऐसी कई बड़ी वारदातें होती हैं जिसमें घर के नौकर व नौकरानी ही वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। 

लोग सजग रहें तो बच सकते हैं वारदात से : पुलिस प्रशासन
पुलिस अधिकारी इसके लिए ज्यादातर लोगों को ही दोषी ठहराते हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मौत को घर में पालने की बजाय अगर थोड़ी सजगता बरती जाए तो ऐसी वारदातों पर काबू पाया जा सकता है।

जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस की भी लापरवाही
किराएदार व नौकर मकान मालिकों के लिए एक तरफ जहां आय व सुख-सुविधा का साधन बन रहे हैं, वहीं अपने घर में रखी मौत की भनक भी अनेक लोगों को नहीं है। दूसरी तरफ जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस की लापरवाही भी इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। मौजूदा समय में शहर में तकरीबन 3 लाख से ज्यादा मकान हैं। इनमें से सिर्फ आधे से कम के बारे निगम के पास जानकारी है कि वे कहां-कहां हैं। नियमानुसार यदि किसी को अपने मकान में किराएदार रखना है तो उसकी सूचना पुलिस व नगर निगम को देना जरूरी है। इस संबंध में डी.सी.पी. की ओर से समय-समय पर आदेश भी जारी किए जाते हैं।

हाऊस टैक्स व पुलिस की बेवजह परेशानी से डरते हैं लोग
लोग दोनों महकमों को सूचना इसलिए नहीं देते, क्योंकि उन्हें डर होता है कि निगम हाऊस टैक्स के रूप में उनसे सैंकड़ों रुपए वसूलने लगेगा और पुलिस बेवजह किसी वारदात के बाद उन्हें परेशान करने लगेगी। शायद लोगों की यही सोच व पुलिस प्रशासन का ढीला रवैया ही आए दिन इस तरह की वारदातों को बुलावा दे रहा है। नियमानुसार जिस घर में किराएदार हैं, वहां निगम उस मकान मालिक से कमर्शियल रेट के हिसाब से हाऊस टैक्स वसूलेगा। 

 

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