Edited By Vatika,Updated: 14 Nov, 2018 03:09 PM
किसानों को धान की पराली जलाने से रोकने के उद्देश्य से पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने जिले के 5 गांवों में पराली जलाने से रोकने के उद्देश्य से मीटिंगें करके उनको पराली के सही उपयोग के लिए इन-सीटू तकनीक का प्रयोग करने हेतु उत्साहित किया।
जालंधर(बुलंद): किसानों को धान की पराली जलाने से रोकने के उद्देश्य से पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने जिले के 5 गांवों में पराली जलाने से रोकने के उद्देश्य से मीटिंगें करके उनको पराली के सही उपयोग के लिए इन-सीटू तकनीक का प्रयोग करने हेतु उत्साहित किया।
इसमें फोलड़ीवाल, हल्लोताली, दनियाल, उदोपुर और लांबड़ी गांवों के किसानों ने भाग लिया। किसानों ने बताया कि उन्होंने पहले ही पराली के उचित उपयोग के लिए उसकी गांठें बनाई हैं और मल्चर तथा रोटावेटर आदि अत्याधुनिक मशीनें कृषि सेवा केंद्र और सहकारी सोसायटियों से प्राप्त करके प्रयोग की जा रही हैं।
भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए पराली को खेतों में ही जोतकर मिलाया जा रहा है।इस अवसर पर सहायक पर्यावरण इंजीनियर गुरनीत सेठी के नेतृत्व वाली टीम ने पराली को आग लगाने से संबंधित मामलों की जांच की जिसमें कोई मामला सामने नहीं आया। इस मौके पर टीम सदस्यों ने किसानों को पराली जलाने से होने वाले हानिकारक प्रभावों के प्रति जागरूक करने के लिए पम्फलेट भी वितरित किए।