Edited By Vatika,Updated: 24 Apr, 2024 01:17 PM
लोगों को उनके डोर स्टैप पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से पंजाब सरकार ने राज्य में वैसे तो जगह-जगह आम आदमी क्लीनिक्स खोले हैं
जालंधर (रत्ता): लोगों को उनके डोर स्टैप पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से पंजाब सरकार ने राज्य में वैसे तो जगह-जगह आम आदमी क्लीनिक्स खोले हैं, लेकिन इनमें स्टाफ टिक कर काम नहीं कर रहा। इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जिले में राज्य सरकार द्वारा खोले गए 66 आम आदमी क्लीनिक्स में से 8 क्लीनिक आजकल बिना मैडीकल ऑफिसर के ही चल रहे हैं। जानकारी के अनुसार फोकल प्वाइंट, तलहन, धन्नो वाली, जंडियाला, बूटरां, दयालपुर, दुसांझ कला एवं मेहतपुर स्थित आम आदमी क्लीनिक में तैनात मैडीकल ऑफिसर नौकरी छोड़कर जा चुके हैं। गौरतलब है कि सरकार ने हर आम आदमी क्लीनिक में एक मेडिकल ऑफिसर, एक फार्मासिस्ट, एक क्लीनिकल असिस्टैंट एवं एक दर्जा चार कर्मचारियों को तैनात किया था। अब सोचने वाली बात यह है कि अगर क्लीनिक में मैडीकल ऑफिसर ही नहीं होगा तो वहां आने वाले रोगियों के स्वास्थ्य की जांच कौन करता होगा।
मैडीकल ऑफिसर को प्रतिदिन मिलते हैं कम से कम 2500 रुपए
आम आदमी क्लीनिक में नौकरी करने वाले हर मेडिकल ऑफिसर को 50 रुपए प्रति रोगी के हिसाब से सरकार पैसे दे रही है और प्रतिदिन की कम से कम राशि 2500 रुपए रखी गई है। अगर कोई मैडीकल ऑफिसर 50 से अधिक रोगियों की जांच करता है तो उस स्थिति में उसे 50 रुपए प्रति रोगी के हिसाब से ही राशि मिलती है।
कुछ आम आदमी क्लीनिक्स में दर्जा चार कर्मचारी एवं 2 में फार्मासिस्ट भी नहीं
पता चला है कि जिले के कुछ आम आदमी क्लीनिक्स में दर्जा चार कर्मचारी तथा 2 में फार्मासिस्ट भी नहीं है। हैरानी की बात यह है कि अगर किसी बिल्डिंग में दर्जा चार कर्मचारी ही नहीं होगा तो वहां पर साफ सफाई कैसे होती होगी। जानकारी के मुताबिक कबीर बिहार एवं मोहन विहार रामा मंडी में आम आदमी क्लीनिक में दोनों फार्मासिस्ट भी नहीं है।