Edited By Urmila,Updated: 14 Apr, 2024 03:21 PM
जालंधर छावनी में एम ई एस के ट्रीटमेंट प्लांट के साथ कंपोस्टिंग ग्राउंड में कैंटोनमेंट बोर्ड द्वारा रोजाना टनो के हिसाब से वहां कूड़ा फेंका जाता है।
जालंधर (दुग्गल): जालंधर छावनी में एम ई एस के ट्रीटमेंट प्लांट के साथ कंपोस्टिंग ग्राउंड में कैंटोनमेंट बोर्ड द्वारा रोजाना टनो के हिसाब से वहां कूड़ा फेंका जाता है और कूड़े से खाद बनाने के लिए करोड़ों रुपए की लागत से वहां पिछले कई सालों से प्रोजेक्ट स्थापित किए गए हैं। परंतु हैरान करने वाली बात यह है कि उन प्रोजेक्ट को चलाने के लिए वहां बिजली का कनेक्शन तक नहीं है।
सिविल मेंबर्स पुनीत शुक्ला सहित आसपास के लोगों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया तो कूड़े को लगाई गई आग को देखकर वह खुद हैरान हो गए। उन्होंने बिजली के साथ चलने वाले प्रोजेक्ट का जायजा भी लिया जो पिछले डेढ़ महीने से बंद पड़े हैं। बसंत एवेन्यू कॉलोनी के रहने वाले नितिन भारद्वाज ने कहा कि उसके माता और पिता कूड़े से उठने वाले धुएं के कारण दमे जैसी घातक बीमारी के शिकार हो चुके हैं।
इसी तरह कॉलोनी के लोगों ने बताया कि कंपोस्टिंग ग्राउंड में आग लगाने का सिलसिला पिछले 5 वर्षों से चल रहा है। शिकायत करने के बावजूद भी कोई भी अधिकारी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निजात पाने तथा कैंट बोर्ड अधिकारियों पर कार्रवाई करवाने के लिए कॉलोनी के लोग प्रदूषण बोर्ड तथा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को शिकायत दर्ज करवाएंगे। वहीं सिविल मेंबर पुनीत शुक्ला ने कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि कूड़े को आग लगाने के पीछे कैंट बोर्ड का कोई भी अधिकारी दोषी पाया गया तो वह इसकी कार्रवाई करवायेंगे।
स्वच्छता अधिकारी सुरजीत राम से बात की गई तो उन्होंने आग लगाने का दोष किसी और पर थोप दिया। प्रदूषण बोर्ड के एसडीओ से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह सोमवार को मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लेंगे और लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।
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