Edited By Subhash Kapoor,Updated: 01 Mar, 2025 12:55 AM

NIT जालंधर ने 28 फरवरी 2025 को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस थीम "वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना: विज्ञान और नवाचार के माध्यम से विकसित भारत" के अंतर्गत हर्षोल्लास के साथ मनाया।
जालंधर : NIT जालंधर ने 28 फरवरी 2025 को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस थीम "वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना: विज्ञान और नवाचार के माध्यम से विकसित भारत" के अंतर्गत हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण प्रतिष्ठित वैज्ञानिक प्रो. संतानु चौधुरी (पूर्व निदेशक, IIT जोधपुर एवं CSIR-CEERI पिलानी) का प्रेरणादायक व्याख्यान था, जिसका विषय "इंजीनियरिंग शिक्षा परिदृश्य में परिवर्तन" था।
इस समारोह की अध्यक्षता NIT जालंधर के निदेशक प्रो. बिनोद कुमार कन्नौजिया ने की। कार्यक्रम में संस्थान के रजिस्ट्रार प्रो. अजय बंसल, विभिन्न विभागों के डीन, जैसे प्रो. अनीश सचदेवा (डीन छात्र कल्याण), प्रो. रोहित मेहरा (डीन अनुसंधान एवं परामर्श), प्रो. सुभाष चंद्र (डीन योजना एवं विकास), प्रो. एस.के. सिन्हा (डीन संकाय कल्याण), प्रो. ममता खोसला (डीन उद्योग एवं अंतर्राष्ट्रीय मामलों), एवं प्रो. रमन बेदी (डीन अकादमिक्स) सहित कई संकाय सदस्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत में प्रो. संतानु चौधुरी का सम्मान प्रो. बी.के. कन्नौजिया द्वारा किया गया। 350 से अधिक शोध पत्रों एवं 15 पेटेंट्स के साथ एक प्रख्यात शोधकर्ता प्रो. चौधुरी ने अपने व्याख्यान में इंजीनियरिंग शिक्षा को नवाचार से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने आधुनिक पाठ्यक्रम, प्रयोगशाला आधारित शिक्षा, बहुविषयक अधिगम और एआई एकीकरण को उद्योग की बदलती जरूरतों के अनुसार अनिवार्य बताया। साथ ही, उन्होंने सॉफ्ट स्किल्स और स्थायित्व (सस्टेनेबिलिटी) पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि एक भविष्य-उन्मुख शिक्षा प्रणाली विकसित की जा सके। सत्र का समापन शिक्षकों के साथ एक संवादात्मक चर्चा और आभार प्रदर्शन के साथ हुआ।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह के एक भाग के रूप में, संस्थान में विविध प्रतियोगिताओं और गतिविधियों का आयोजन किया गया, जहां 140 से अधिक विद्यार्थियों ने अपनी शोध परियोजनाओं और नवाचारों को 40 पोस्टर प्रस्तुतियों, 25 मौखिक प्रस्तुतियों और 5 लाइव प्रोजेक्ट प्रदर्शनों के माध्यम से प्रदर्शित किया। प्रो. कन्नौजिया ने छात्रों के साथ संवाद किया और उनके नवाचारों की सराहना की, साथ ही वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने की संस्थान की प्रतिबद्धता दोहराई।
इसके अतिरिक्त, संस्थान में 27 फरवरी 2025 को जालंधर फायर विभाग द्वारा एक लाइव अग्निशमन मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत अतिरिक्त संभागीय अग्निशमन अधिकारी, श्री जसवंत सिंह के अग्नि सुरक्षा व्याख्यान से हुई, जिसमें उनकी टीम ने विभिन्न अग्निशमन तकनीकों और सुरक्षा उपायों का प्रदर्शन किया। संस्थान की सुरक्षा टीम ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए आग को नियंत्रित करने का अभ्यास किया, जबकि 1,000 से अधिक छात्रों के साथ व्याख्यान हॉल परिसर में आपातकालीन निकासी प्रक्रिया भी सफलतापूर्वक आयोजित की गई। इस दौरान मेडिकल टीम ने प्राथमिक उपचार सुविधा प्रदान की। कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक, रजिस्ट्रार, डीन, संकाय सदस्य और सुरक्षा कर्मी भी उपस्थित रहे। अग्नि सुरक्षा सत्र में अग्नि सुरक्षा उपायों और आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारी के महत्व को रेखांकित किया गया।

