Edited By Vatika,Updated: 13 Sep, 2018 11:16 AM
अकाली-भाजपा कार्यकाल दौरान डिप्टी मेयर रहे ओबराय दम्पत्ति ने कुत्तों की नसबंदी वाला प्रोजैक्ट चलाने का कार्य अपने हाथ में लिया था, जिस हेतु पूर्व विधायक के.डी. भंडारी ने ओबराय को 2.5 लाख रुपए की सरकारी ग्रांट भी दिलाई थी। उस ग्रांट से ओबराय ने...
जालंधर(खुराना): अकाली-भाजपा कार्यकाल दौरान डिप्टी मेयर रहे ओबराय दम्पत्ति ने कुत्तों की नसबंदी वाला प्रोजैक्ट चलाने का कार्य अपने हाथ में लिया था, जिस हेतु पूर्व विधायक के.डी. भंडारी ने ओबराय को 2.5 लाख रुपए की सरकारी ग्रांट भी दिलाई थी। उस ग्रांट से ओबराय ने प्रोजैक्ट हेतु काफी सामान तथा एक गाड़ी खरीदी, जिसके बाद उस समय के मेयर व ओबराय में मतभेद उत्पन्न हो गए तथा यह प्रोजैक्ट ओबराय से छीन लिया गया।
ओबराय द्वारा खरीदी गई गाड़ी पिछले 2 सालों से बेकार खड़ी थी, जिसे लेकर कुछ दिनों से विवाद चल रहा था। इसी विवाद के बीच निगम कर्मियों ने गत दिवस बी.ओ.टी. पार्किंग में खड़ी इस गाड़ी को डुप्लीकेट चाबी लगाकर अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया था परन्तु पार्किंग कर्मियों ने इसकी सूचना ओबराय को दे दी।ओबराय ने गत दिवस मेयर जगदीश राजा से भेंट करके साफ किया कि वह इस प्रोजैक्ट हेतु गाड़ी निगम को सौंपने को तैयार हैं परन्तु उनके साथ राजनीति न की जाए। ओबराय ने कहा कि आवारा कुत्तों की समस्या को दूर करना उनका ड्रीम प्रोजैक्ट रहा है परन्तु उन्हें धोखा दिया गया तथा उन्हें अलाट डॉग कम्पाऊंड भी पिछले मेयर ने छीन लिया।ओबराय ने कहा कि वर्तमान मेयर से उन्हें काफी आशाएं हैं परन्तु गाड़ी लेने के लिए उन्होंने मुझसे बात करने की बजाय पहले डी.सी. को शिकायत दी और अब डुप्लीकेट चाबी लगाकर गाड़ी ले जाने का प्रयास किया, जो गलत है। वह खुद इस प्रोजैक्ट में हर सहयोग देने को तैयार हैं।