प्रसूता रोती रही, परिजन मिन्नतें करते रहे, स्टाफ नर्स बोली इंतजार करो

Edited By Sunita sarangal,Updated: 04 Feb, 2020 08:40 AM

maternity kept crying family kept praying but staff nurse said wait

सिविल अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड में गर्भवती का उपचार शुरू न करने पर परिजनों ने किया हंगामा

जालंधर(शौरी): सिविल अस्पताल में फ्री डिलीवरी के नाम पर गर्भवती महिलाओं के साथ मजाक हो रहा है। अस्पताल के अधिकारियों द्वारा ध्यान न दिए जाने के कारण यहां बने जच्चा-बच्चा वार्ड में मरीजों को परेशान करने का सिलसिला जारी है। ऐसी ही लापरवाही के कारण लेबर रूम के पास हंगामा देखने को मिला। गर्भवती महिला का उपचार न करने व स्टाफ द्वारा उसके साथ गलत तरीके से बात करने को लेकर परिजन भड़क गए और मरीज को प्राइवेट अस्पताल ले जाने लगे। मामले की जानकारी पाकर ‘पंजाब केसरी’ की टीम पहुंची जिसके बाद महिला का उपचार शुरू हुआ।

बब्बू पत्नी लुभाया निवासी गुरु नानक कालोनी नकोदर ने बताया कि उसकी देवरानी सुनीता पत्नी सतनाम निवासी गांव चिट्टी लाम्बड़ा जोकि गर्भवती है, उनके पास आई हुई थी। सुनीता को प्रसव पीड़ा हुई तो उसे नकोदर के सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया, जहां से उसे जालंधर सिविल अस्पताल रैफर कर दिया गया। करीब 3 बजे वह जच्चा-बच्चा वार्ड पहुंचे तो स्टाफ ने उन्हें इंतजार करने को कहा। सुनीता का दर्द बढ़ता गया और दर्द बर्दाश्त न कर पाने के कारण वह रोने लगी। बब्बू ने बताया कि वह स्टाफ नर्स के पास गई और मिन्नतें की कि सुनीता को चैक किया जाए, मगर उसने उसके साथ दुर्व्यवहार किया जिस कारण उसे बाकी मरीजों के सामने अपमानित होना पड़ा।

बधाई मांगने को लेकर भी चर्चा में रहता है अस्पताल
गौर हो कि जच्चा-बच्चा अस्पताल बधाई मांगने को लेकर भी काफी चर्चा में रह चुका है। हाल में ही ‘पंजाब केसरी’ ने इस बाबत खबर भी प्रकाशित की थी। अस्पताल सूत्रों की मानें तो यहां लोगों को परेशान इसलिए किया जाता है कि वे प्राइवेट अस्पताल की तरफ रुख कर लें और कुछ भ्रष्ट स्टाफ मैंबर गर्भवती महिलाओं को तुरंत एंबुलैंस मंगवा कर प्राइवेट अस्पताल यह कह कर भिजवा देते हैं कि वहां कम पैसे में बढ़िया उपचार हो जाएगा और बाद में कमीशन लेते हैं।

अस्पताल स्टाफ नहीं, आशा वर्कर करती हैं मरीजों को परेशान : एस.एम.ओ.
वहीं अस्पताल में तैनात सीनियर मैडीकल अफसर डा. कुलविन्द्र कौर का कहना है कि उन्होंने स्टाफ को सख्त आदेश दे रखे हैं कि मरीजों के साथ ठीक तरीके से बात करें तथा उनका उपचार ठीक तरीके से करें। रही बात बधाई मांगने की, यह काम भी स्टाफ नहीं बल्कि कुछ आशा वर्कर कर रही हैं जिन्हें वह कई बार रोक चुकी हैं। डा. कुलविन्द्र कौर का तो यहां तक कहना है कि कुछ आशा वर्कर प्राइवेट अस्पतालों में सरकारी अस्पतालों से मरीजों को लेकर जाती हैं जिनके खिलाफ एक्शन होना चाहिए।

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