अकाली-भाजपा खेमे में अटवाल की हार का गम कम, बादल दम्पति की जीत की खुशी ज्यादा!

Edited By Vatika,Updated: 24 May, 2019 02:31 PM

lok sabha election 2019

लोकसभा चुनावों के सामने आए नतीजों ने एग्जिट पोल को सच कर दिखाया है। केंद्र में मोदी सरकार का परचम लहरा गया है पर जालंधर में अकाली दल-भाजपा को भारी झटका लगा है। यहां से पार्टी के सीनियर नेता चरणजीत सिंह अटवाल जैसे बड़े चेहरे को उतारने के बावजूद भी...

जालंधर(बुलंद): लोकसभा चुनावों के सामने आए नतीजों ने एग्जिट पोल को सच कर दिखाया है। केंद्र में मोदी सरकार का परचम लहरा गया है पर जालंधर में अकाली दल-भाजपा को भारी झटका लगा है। यहां से पार्टी के सीनियर नेता चरणजीत सिंह अटवाल जैसे बड़े चेहरे को उतारने के बावजूद भी पार्टी सीट पर जीत दर्ज करवाने में विफल रही। यहां से कांग्रेस ने अकाली दल के चरणजीत सिंह अटवाल को 19,515 मतों से हराकर सीट पर जीत दर्ज करवाई है। अटवाल को 82 साल की उम्र में हार का मुंह देखना पड़ा है। इसी के चलते अब पार्टी जल्द हार की समीक्षा करेगी। 

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‘आप’ का गिरा वोट बैंक बना अकाली दल की जीत में रोड़ा
चुनावी नतीजों के जानकारों का मानना है कि अकाली दल यह अनुमान लगाए बैठा था कि अगर बसपा की ओर से डेढ़ लाख वोट हासिल कर ली जाती है तो अकाली दल की जीत पक्की होगी पर उसे यह नहीं पता था कि आप पार्टी का वोट बैंक इतना गिर जाएगा। बसपा ने तो पिछले सारे रिकार्ड तोड़ते हुए 2,04,712 वोट हासिल कर लिए पर वहीं आप पार्टी ने भी पिछले सारे रिकार्ड तोड़ते हुए 25,&82 वोट हासिल करके अकाली दल के राह में रोड़े अटका दिए।जानकारों का मानना है कि जिस प्रकार कांग्रेस के वोट बैंक में गिरावट आई है। इसमें अगर आप पार्टी महज 20 हजार वोट ’यादा ले जाती तो आज सीट अकाली दल की झोली में होती।


नतीजा पूरा आने से पहले ही अटवाल के दफ्तर में दिखी वीरानगी
सुबह जैसे ही मतदान के नतीजे आने शुरू हुए तो पहले तो अकाली-भाजपा वर्करों में भारी उत्साह दिखा पर जैसे-जैसे वोटों की गिनती के राऊंड सामने आते रहे और लगने लगा कि अब जो अंतर अटवाल और चौधरी के बीच है वह पूरा नहीं होगा और अटवाल अब जीत का स्वाद नहीं चख सकेंगे तो लोग अटवाल के दफ्तर से भी गायब होने लगे और पूरा नतीजा आने से पहले ही अटवाल का डिफैंस कालोनी वाला दफ्तर वीरान हो चुका था।


हार भुलाकर बादल दम्पति की जीत का जश्न मनाते दिखे अकाली वर्कर
वहीं अकाली दल के वर्करों में जालंधर सीट हारने का दुख कम ही देखा गया। पर फिरोजपुर में सुखबीर बादल और बङ्क्षठडा से हरसिमरत बादल की जीत से केंद्र में आई मोदी सरकार की ज्यादा खुशी दिखाई दी। मामले बारे कुछ अकाली दल के युवा वर्करों से बात की तो उनका कहना था कि अकाली दल-भाजपा ने पंजाब में 4 सीटें जीत कर कांग्रेस के मिशन-1& के सपने को चूर-चूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि अकाली दल की जालंधर सीट कुछ कारणों से हाथ से निकली है जिस बारे वह पार्टी हाईकमान को जरूर बताएंगे। पर उन्हें इस हार से ’यादा खुशी पार्टी गठबंधन को मिली 4 सीटें और मोदी की बनी केंद्र सरकार की है।


 

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