Edited By Anjna,Updated: 26 Apr, 2018 09:26 AM
वित्तीय संकट से जूझ रहे जालंधर नगर निगम द्वारा आने वाले दिनों में अपनी आय बढ़ाने के कई प्रयास किए जा सकते हैं, जिनमें से एक दुकानों पर लगती लाइसैंस फीस को अपने स्तर पर बढ़ाना भी शामिल होगा। गौरतलब है कि शहर में सभी प्रकार के व्यवसाय करने और उद्योग...
जालंधर (खुराना): वित्तीय संकट से जूझ रहे जालंधर नगर निगम द्वारा आने वाले दिनों में अपनी आय बढ़ाने के कई प्रयास किए जा सकते हैं, जिनमें से एक दुकानों पर लगती लाइसैंस फीस को अपने स्तर पर बढ़ाना भी शामिल होगा। गौरतलब है कि शहर में सभी प्रकार के व्यवसाय करने और उद्योग इत्यादि चलाने हेतु निगम से लाइसैंस लेना पड़ता है और निगम लाइसैंस शैड्यूल के अनुसार निर्धारित फीस वसूल करता है।
निगम सूत्रों के अनुसार 1998 में लाइसैंस शैड्यूल बनाया गया था, जिसके अनुसार निगम दुकानदारों से ज्यादा से ज्यादा 500 रुपए प्रति वर्ष ही लाइसैंस फीस वसूल कर पा रहा है। निगमाधिकारियों ने इस लाइसैंस फीस को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है क्योंकि इस समय लाइसैंस शाखा की आय काफी कम है जो फीस बढ़ाने से बढ़ सकती है।
एक निगमाधिकारी ने बताया कि मोहाली नगर निगम में जैनरेटर सैट से 3300 रुपए प्रति वर्ष की लाइसैंस फीस वसूल की जाती है और बड़े जैनरेटर से तो 7000 रुपए भी वसूला जाता है। जालंधर में जैनरेटर इत्यादि से निगम को कुछ भी वसूल नहीं हो पा रहा जबकि शहर में सैंकड़ों जैनरेटर लगे हुए हैं जिनमें से कई तो सड़कों पर ही फिट हैं अगर निगम जैनरेटर पर लाइसैंस फीस लगा देता है तो इसकी आय काफी बढ़ सकती है। इसके अलावा किसान मंडियों और संडे बाजार में लगने वाली फडिय़ों से भी एक बार में 500 रुपए शुल्क लेने की व्यवस्था लागू की जा सकती है, इससे भी निगम को अच्छी आय हो सकती है।